स्थापना शाखा के जांच अधिकारी पर ही कार्रवाई की सिफारिश
गुरुग्राम के नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले में 21 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने वाले सलाहाकार के खिलाफ अब अतिरिक्त निगमायुक्त ने कार्रवाई की सिफारिश की है। विजिलेंस की जांच में सभी...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। भ्रष्टाचार के मामले में 21 अधिकारियों के खिलाफ सिफारिश करना स्थापना शाखा के सलाहाकार को महंगा पड़ गया। अब अतिरिक्त निगमायुक्त ने स्थापना शाखा के सलाहाकार के खिलाफ ही निगमायुक्त को कार्रवाई की सिफारिश कर दी है। बता दें कि नगर निगम की विजिलेंस की टीम ने गांव मोहम्मदपुर झाड़सा में छह भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच की थी। विजिलेंस विंग ने जांच पूरी करके स्थापना शाखा को कार्रवाई के लिए भेज दी। विजिलेंस विंग की जांच में सभी छह भ्रष्टाचार के मामलों में निगम के 21 अधिकारी दोषी मिले थे। इस पर निगमायुक्त ने इन पर कार्रवाई करनी होती है, लेकिन स्थापना शाखा के सलाहाकार केहर सिंह कादियान ने इन सभी अधिकारियों के खिलाफ अंडर रूल सात के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश निगमायुक्त को कर दी।
जबकि नियमों के अनुसार भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ किस रूल के तहत कार्रवाई करनी है यह निगमायुक्त द्वारा तय किया जाना होता है, लेकिन आरोप है कि अधिकारी ने भेदभाव जैसी नीति अपनाते हुए सभी अधिकारियों पर अंडर रूल सात के तहत चार्जशीट करने की फाइल बना दी। मामला जब मुख्य विजिलेंस अधिकारी व अतिरिक्त निगमायुक्त महावीर प्रसाद के पास पहुंचा तो उन्होंने अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। जिस कारण उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस कारण अब अतिरिक्त निगमायुक्त ने सलाहाकार और उनके कम्प्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई के लिए निगमायुक्त से सिफारिश की है। भ्रष्टाचार के मामले में शामिल अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करनी होती है यह निगमायुक्त द्वारा तय किया जाता है ना कि स्थापना शाखा के सलाहाकार द्वारा। इस कारण सलाहाकार और के ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश निगमायुक्त से की है। - महावीर प्रसाद, अतिरिक्त निगमायुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम।
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