शराब घोटाले में राहत पाने गए थे केजरीवाल, HC ने दिया लंबा इंतजार; जमानत पर क्या बहस
कथित शराब घोटाल मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर आरोपपत्र को चुनौती देने संबंधी 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया को राहत नहीं मिल पाई है।

कथित शराब घोटाल मामले में राहत पाने के लिए हाई कोर्ट गए 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी मनीष सिसोदिया को लंबा इंतजार मिल गया है। दिल्ली के पूर्व सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने याचिकाओं को करीब 3 महीने के लिए टाल दिया है। जस्टिस रविन्द्र डुडेजा की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा कि आगे की बहस 30 जुलाई को होगी।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई नियमित जमानत को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विरोध किया। एएसजी एसवी राजू कहा कि वह यह नहीं कह रहे कि जमानत रद्द कर दी जाए, लेकिन हम सत्र अदालत के निष्कर्षों को चुनौती दे रहे हैं। इसे मिसाल नहीं माना जाना चाहिए।
एएसजी ने कहा कि उनका प्रयास न्यायालय को यह दिखाना है कि सत्र अदालत का जमानत आदेश गलत था। इसे रद्द किया जाना चाहिए। यह कानून की दृष्टि से गलत है। बचाव पक्ष के वकील विक्रम चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह एक असामान्य प्रार्थना है। न्यायालय का समय बर्बाद हो रहा है।
ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि मामले को उच्चतम न्यायालय की बड़ी बेंच को भेजा गया है। एएसजी ने कहा कि जमानत अंतरिम प्रकृति की है, मामले की मेरिट के आधार पर सुनवाई होगी। उच्चतम न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि अंतरिम जमानत को उच्चतम न्यायालय की बड़ी बेंच वापस ले सकती है। सबसे अच्छा यही है कि याचिका को बड़ी बेंच के निर्णय तक लंबित रखा जाए। यदि उच्चतम न्यायालय आदेश वापस लेता है, तो इस पर मेरिट के आधार पर सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय की पीठ ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कब सूचीबद्ध है। बचाव पक्ष के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि बेंच का गठन नहीं हुआ है।
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि वह सत्र अदालत के आदेश का समर्थन करते हैं। उनके मुवक्किल को दी गई जमानत गलत नहीं है। उच्च न्यायालय की पीठ ने अधिवक्ता चौधरी से कहा कि यह अंतरिम आदेश है। अधिवक्ता चौधरी ने पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि मामले में सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई है। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई तय की है।
क्या है केजरीवाल और सिसोदिया की दलील
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने दलील दी थी कि विशेष अदालत ने घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया, जबकि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि यह मंजूरी आवश्यक थी, क्योंकि कथित अपराध के समय वह लोक सेवक थे। मनीष सिसोदिया ने भी इसी तरह की दलीलें दी थीं। निचली अदालत के आदेश को रद्द करने के अनुरोध के अलावा केजरीवाल ने मामले में सभी कार्यवाही रद्द करने का भी याचिका में अनुरोध किया है।
(पीटीआई इनपुट के साथ)