दिल्ली वालों के लिए गुड न्यूज, MCD में बकाया प्रॉपर्टी टैक्स और फाइन माफ करने का प्रस्ताव पास
दिल्ली में MCD के तहत आने वाले क्षेत्रों में पांच साल का हाउस टैक्स जमा करने पर पिछला बकाया संपत्ति कर और जुर्माना अब माफ हो जाएगा। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

दिल्ली में एमसीडी के तहत आने वाले क्षेत्रों में पांच साल का संपत्ति कर (हाउस टैक्स) जमा करने पर पिछला बकाया संपत्ति कर और जुर्माना अब माफ हो जाएगा। दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में बुधवार को इस संबंध में प्रस्ताव लाया गया, जिसे पास कर दिया गया। MCD की ओर से संपत्ति कर जमा करने पर बकाया और जुर्माना माफ करने की योजना लाई गई है। इस योजना का नाम संपत्तिकर निपटान योजना (सुनियो) नाम रखा गया।
इनको ही मिलेगी फायदा
इसके तहत रिहायशी और व्यवसायिक संपत्ति के करदाता के संपत्ति कर (हाउस टैक्स) को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के साथ पिछले चार वर्ष (2020-21 से 2024-25 तक) का संपत्ति कर जमा करने पर योजना का लाभ मिलेगा।
पहले भी हिट हो चुकी है पहल
निगम अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले निगम प्रशासन ने संपत्ति कर से राजस्व बढ़ाने के लिए बकाया के माफ करने के लिए माफी योजना (एमनेस्टी स्कीम) को 21 अक्टूबर 2022 पर लागू किया था। यह योजना काफी हिट हुई थी।
राजस्व में 380 करोड़ की हुई थी बढ़ोतरी
इस समृद्धि योजना 2022-23 के जरिए रिहायशी करदाताओं ने अपना पांच वर्ष तक और व्यवसायिक करदाताओं ने अपना छह वर्ष का संपत्ति कर जमा कराया था। तब करदाताओं को इस एमनेस्टी स्कीम का लाभ मिला था। उस समय एक लाख 23 हजार 910 करदाताओं ने योजना का लाभ उठाया था। वर्ष 2022-23 में लाई गई समृद्धि योजना के जरिए संपत्ति कर से राजस्व में 380 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई थी।
निगम ने किया था सर्वे
निगम अधिकारियों ने बताया कि निगम के डेटाबेस में 13 लाख करदाता है। निगम के संपत्ति कर विभाग ने मध्य जोन में मार्च 2025 के दौरान सैंपल सर्वे किया था।
एक नीति के तैयार करने की जरूरत
इस सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि ए श्रेणी की कॉलोनी के 40 फीसदी, सी श्रेणी की कॉलोनी की 58 फीसदी और एफ श्रेणी की कॉलोनी की 78 फीसदी तक की संपत्ति अभी भी निगम के संपत्ति कर के दायरे में नहीं है। इससे यह तथ्य सामने आया है कि जितनी दिल्ली में कुल संपत्तियां हैं। उसकी तुलना में काफी कम लोग संपत्ति करके दायरे में आते हैं। लोगों को संपत्ति कर चुकाने के दायरे में लाने के लिए एक नीति के तैयार करने की आवश्यकता है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को संपत्ति कर के दायरे में लाने की जरूरत है।