अदालत ::: आरोप पत्र दाखिल न होने पर साइबर जालसाज को मिली जमानत
नयी दिल्ली में एक कथित साइबर अपराधी राहुल शॉ को 90 दिन बाद जमानत मिल गई है। उसे सीबीआई ने विदेशी नागरिकों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अदालत ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि समाप्त हो...

नयी दिल्ली, एजेंसी विदेशी नागरिकों को ठगने के लिए अवैध कॉल सेंटर संचालित करने वाले एक कथित साइबर अपराधी को गिरफ्तारी के 90 दिन बाद जमानत मिल गई। जमानत का कारण सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल न किया जाना है। सीबीआई ने साइबर अपराध नेटवर्क संचालित करने के आरोप में 17 फरवरी को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से राहुल शॉ को उसके परिसर से गिरफ्तार किया था। वह 2021 से जर्मन नागरिकों को कथित तौर पर निशाना बना रहा था। न्यायिक हिरासत में मौजूद शॉ ने विशेष अदालत से अनुरोध किया कि उसे जमानत पर रिहा किया जाए क्योंकि सीबीआई वैधानिक अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि मामले में आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है क्योंकि जांच अभी लंबित है। एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया। शॉ को जमानत मंजूर करते हुए विशेष अदालत ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल करने की समय अवधि 90 दिन है, लेकिन ट्रांजिट रिमांड की तारीख से यह अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीतू नागर ने कहा, ‘इस अदालत का मानना है कि धारा 167(2) सीआरपीसी के तहत अधिकार (डिफॉल्ट जमानत) एक अपूरणीय मौलिक अधिकार है, इसलिए इसे कम नहीं किया जा सकता और धारा 167(2) सीआरपीसी में निहित प्रावधान का लाभ आरोपी को मिलना चाहिए।''
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