दिल्ली विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व के बारे में आम लोग भी जान सकेंगे
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाने के लिए डिजिटाइजेशन की योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इमारत में अतीत के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का अध्ययन किया जा...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली विधानसभा के ऐतिहासिक महत्व के बारे में आम लोग भी जान सकेंगे। अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि इमारत से जुड़े तथ्यों को डिजिटाइज करने की योजना पर काम किया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में आयोजित पत्रकारवार्ता में गुप्ता ने बताया कि भवन की ऐतिहासिकता पर गहन अध्ययन किया जा रहा है। कभी यह अंग्रेजों के समय में यह इमारत भारत की संसद की तरह काम करती थी और यहीं से रौलट एक्ट पास हुआ था। ऐसे तथ्य हैं कि उस समय समय विजिटर्स गैलरी में महात्मा गांधी भी मौजूद रहे थे और बाद में इमारत से निकलकर उन्होंने अपना वक्तव्य भी दिया था।
इसके बाद देश भर में आंदोलन शुरू हुआ। इसी आंदोलन के क्रम में ही पंजाब में जलियांवाला बाग कांड हुआ, जिसने पूरे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा ही बदल दी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन ऐतिहासिक तथ्यों की रोशनी में इस इमारत का महत्व बढ़ जाता है। विधानसभा इमारत में शुरू होने वाले लाइट एंड साउंड शो में इन घटनाक्रमों को भी केन्द्र में रखा जाएगा। पूरा विधानसभा परिसर 20 एकड़ में फैला हुआ है और इस पूरे परिसर को ही विरासत के तौर पर संजोने का काम हो रहा है। स्पीकर गैलरी से हटाए शीशे के पैनल विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि लोकतंत्र और पारदर्शिता की ओर कदम बढ़ाते हुए विधानसभा सदन की प्रेस और स्पीकर गैलरी से शीशे के पैनल हटा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा की कार्यवाही के स्पष्ट अवलोकन में बाधा उत्पन्न करने के चलते इन पैनलों को हटाया गयाा। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इन अवरोधों की स्थापना, खुले शासन और प्रेस की स्वतंत्रता की मूल भावना के विपरीत थी। गुप्ता ने कहा कि कांच के इन अवरोधों को हटाकर दिल्ली विधानसभा ने मीडियो को सशक्त बनाने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को जनदृष्टि में लाने के अपने संकल्प को पुनः स्पष्ट किया है।
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