नफरत फैलाने वालों को जीने का हक नहीं
(पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल

गुरुग्राम। हिमांशी नरवाल ने कहा कि नफरत फैलाने वालों को जीने का हक नहीं है। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक आतंकवाद खत्म होने तक नहीं रुकनी चाहिए। भारत की इस कार्रवाई से मुझे सुकून मिला है। मेरे पति विनय नरवाल का वायु सेना में शामिल होने का उद्देश्य देश में शांति कायम करना और आतंकवाद को खत्म करना था। भारतीय सेना की कार्रवाई से विनय नरवाल की आत्मा को शांति मिली है। जिन लोगों ने मासूम लोगों की जान ली, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। मैं नहीं चाहती कि जो दर्द मैंने सहा है, वह किसी और को सहना पड़े।
सरकार और सेना को यह सुनिश्चित करना होगा। सेना का ‘ऑपरेशन सिंदूर जरूरी था। सिंदूर मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था और एक झटके में मेरा जीवन बदल गया। मैंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि खुशियां ताउम्र के लिए ऐसे खत्म हो जाएंगी। नफरत फैलाने वालों के कारण मेरी जिंदगी पूरी तरह से खत्म हो गई है और जिस दर्द से मैं गुजर रही हूं, उसे कोई नहीं समझ सकता है। मैं शादी के बाद अपने पति विनय नरवाल के साथ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घूमने गई थी, जहां 22 अप्रैल को एक आतंकी हमले में विनय की नृशंस हत्या कर दी गई। तब मैंने आंतकियों का विरोध किया और सवाल-जवाब भी किए, लेकिन उनकी तरफ से कहा गया कि तुमको जवाब मिल गया होगा। नफरत फैलाने वालों को भावना और परिवार से कुछ लेना-देना नहीं था। वे 26 परिवारों को बर्बाद कर चले गए। हमले में जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। मैंने सरकार से आगे भी आतंकवादियों और उनके संगठनों को ‘ऑपरेशन सिंदूर जैसा ही करारा जवाब देने का आग्रह किया है, ताकि भविष्य में ऐसी आतंकी घटनाएं कभी न हों।
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