जम्मू-कश्मीर से आतंक के खात्मे में जुटीं आधा दर्जन से ज्यादा एजेंसियां
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एक समन्वित अभियान शुरू किया है। इसमें सेना, सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसियां शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने शून्य-सहिष्णुता का निर्देश...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार ने करीब आधा दर्जन एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में आतंक को खत्म करने और घुसपैठ को पूरी तरह रोकने की योजना पर समन्वित अभियान चलाकर काम करने का लक्ष्य दिया है। एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से इस अभियान को पूरा करना होगा। आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने के अभियान में सेना, सुरक्षा बल, खुफिया एजेंसियां एवं जांच एजेंसियां साझा तरीके से जुटी हैं। एक अधिकारी ने कहा, अभियान का उद्देश्य शून्य घुसपैठ दर हासिल करके आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना है। इसके साथ ही वित्तीय स्रोत पर प्रहार करते हुए आतंकी नेटवर्क को भी ध्वस्त करना है। पिछले दिनों एक उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद से निपटने के लिए शून्य-सहिष्णुता के रुख को अपनाने का निर्देश दिया था। सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा स्थितियों में प्रगति देखी गई है, लेकिन लक्ष्य आतंकवादी गतिविधियों को पूरी तरह से समाप्त करने के साथ-साथ सभी घुसपैठ गतिविधियों पर रोक लगाना है।
सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एनआईए, आईबी के अलावा अन्य एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक साथ सटीक इनपुट देकर एक्शन प्वाइंट तय किए जा रहे हैं।
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हमास के साथ काम कर रहे जैश और लश्कर
खुफिया सूत्रों का कहना है कि आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) अब पूरे क्षेत्र में आतंकवाद को फिर से जीवित करने के लिए हमास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस इनपुट को गंभीरता से लेकर सभी एजेंसियां ज्यादा जानकारी इकट्ठा करने के साथ पूरी सतर्कता से आतंकरोधी एक्शन प्लान पर काम कर रही हैं।
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इन सूचनाओं के आधार पर काम कर रहीं एजेंसियां
- जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में आतंकी गतिविधियों के जारी रहने
- सीमा पार आतंकियों की घुसपैठ
- सीमा पार से हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी
- सीमा पार विशेषकर पीओके के हिस्से में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड के पुन: सक्रिय होना
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पांच वर्ष में आतंकी घटनाओं में 77 फीसदी कमी आई
मालूम हो कि पिछले पांच साल में आतंकी घटनाओं में 77 फीसदी की कमी आई है। नागरिक हताहतों में भी 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 2023 में आतंकी घटनाएं घटकर 94 रह गईं, जो 2018 में 417 थीं। जम्मू-कश्मीर में पथराव और बंद की घटनाएं पूरी तरह समाप्त हो गई हैं।
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