कैट के सम्मेलन में फैसला, पाकिस्तान से व्यापार नहीं
नई दिल्ली में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की बैठक में व्यापारियों ने पाकिस्तान से कारोबार बंद करने का निर्णय लिया। पहलगाम में हुई आतंकी घटना के खिलाफ आक्रोश जताते हुए सभी व्यापारी नेताओं ने इस...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की भुवनेश्वर में हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में व्यापारियों ने पाकिस्तान से कारोबार बंद करने का फैसला लिया है। देशभर के 26 राज्यों के 200 से अधिक व्यापारी नेताओं की इस बैठक में पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर जबरदस्त आक्रोश दिखा। व्यापारिक संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के बाद कैट दूसरा संगठन है जिसने पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने का निर्णय लिया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री व चांदनी चौक दिल्ली के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि मीटिंग में सभी व्यापारी नेताओं ने पहलगाम में आतंकी घटना की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध उठाए गए कठोर कदमों का समर्थन भी किया गया।
पुलवामा हमले के बाद से ही दोनों देशों में तल्खी
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में तल्खी आ गई थी। जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच व्यापार में भारी गिरावट आई। वर्ष 2018 में भारत-पाकिस्तान के बीच लगभग तीन बिलियन डॉलर का वार्षिक व्यापार था, जो वर्ष 2024 में 1.2 बिलियन डॉलर रह गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से व्यापार न करने के निर्णय से संभव है कि कुछ निर्यातकों का व्यापार कुछ समय के लिए प्रभावित हो, लेकिन पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापार करना उचित नहीं है।
ई-कॉमर्स कंपनियों पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने की मांग
सम्मेलन में पारित एक अन्य प्रस्ताव में ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों पर लगातार नियम एवं कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया। साथ ही नकली उत्पाद बेचने और देश के छोटे व्यापारियों के व्यापार को खत्म करने की साजिश का आरोप भी लगाया गया। व्यापारियों ने केंद्र सरकार से विदेशी निवेश नीति (एफडीआई) और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तत्काल लागू किए जाने की मांग की। साथ ही ई-कॉमर्स पर 28 फीसदी जीएसटी लागू करने की मांग भी की है।
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