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दृष्टिहीन अब छड़ी नहीं, स्मार्ट गैजेट लेकर चलेंगे

वैज्ञानिकों ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक स्मार्ट सिस्टम विकसित किया है, जो कैमरा, ईयरफोन और वाइब्रेशन सेंसर का उपयोग करता है। यह प्रणाली उन्हें सुरक्षित रूप से चलने में मदद करती है और आत्मनिर्भरता...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 April 2025 01:34 PM
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दृष्टिहीन अब छड़ी नहीं, स्मार्ट गैजेट लेकर चलेंगे

बीजिंग, एजेंसी। दृष्टिबाधित लोगों को अब सफेद छड़ी या अन्य सहारे की जरूरत नहीं रहेगी। वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट सिस्टम विकसित किया है, जो कैमरा, ईयरफोन, वाइब्रेशन सेंसर और एआई की मदद से उन्हें रास्ता दिखाने में सक्षम है। यह तकनीक न सिर्फ सुरक्षित चलने में मदद करती है, बल्कि उनकी गति और आत्मनिर्भरता भी बढ़ाती है।

इस डिवाइस को चीन के शंघाई जिआओ टोंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। विज्ञान पत्रिका नेचर मशीन इंटेलिजेंस में इसका विवरण प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं की अगली योजना इसे और हल्का, कॉम्पैक्ट और यूजर-फ्रेंडली बनाना है। भविष्य में कैमरे को कॉन्टैक्ट लेंस में लगाने की संभावना भी तलाशी जा रही है। प्रमुख शोधार्थी डॉ. लीलेई गी के अनुसार, यह सिस्टम आंशिक रूप से आंखों की भूमिका निभा सकता है, लेकिन इसे और अधिक भरोसेमंद और सुरक्षित बनाना जरूरी है।

रुकावट आते ही सतर्क करेगा

इस सिस्टम में एक खास चश्मा शामिल है, जिसमें कैमरा लगा है। यह कैमरा सामने के दृश्यों को रिकॉर्ड करता है और एआई की मदद से उनका विश्लेषण करता है। सिस्टम हर 250 मिलीसेकंड में ऑडियो सिग्नल देता है। दाईं ओर रुकावट होने पर दाईं ईयरफोन में बीप और बाईं ओर रुकावट पर बाईं ओर से सिग्नल मिलता है।

सटीकता से उठा सकेंगे सामान

इसमें ‘आर्टिफिशियल स्किन नामक वाइब्रेटिंग पैच भी जोड़े गए हैं, जिन्हें यूजर अपनी कलाई और उंगलियों पर पहनते हैं। ये सेंसर 40 से 5 सेंटीमीटर तक की दूरी पर मौजूद वस्तुओं को पहचानते हैं और वाइब्रेशन के जरिए सचेत करते हैं। किसी चीज को पकड़ते वक्त यह सही समय पर थामने का संकेत भी देते हैं।

हर परीक्षा में सफल

1. सिस्टम का परीक्षण 20 दृष्टिहीन प्रतिभागियों पर किया गया, जिन्हें घर के अंदर 25 मीटर लंबे रास्ते में चलना था। छड़ी की तुलना में उनकी चाल और दिशा निर्धारण में 25 फीसदी सुधार देखा गया।

2. इसे भीड़-भाड़ वाली सड़कों और फर्नीचर से भरे कॉन्फ्रेंस हॉल जैसे वास्तविक हालात में भी आजमाया गया, जहां प्रतिभागी बिना किसी टकराव के सहजता से चल सके।

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