ईवीएम की जांच संबंधी चुनाव आयोग का प्रस्ताव मंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव को स्वीकार किया, जिसमें ईवीएम की प्रामाणिकता की जांच की जाएगी। आयोग ने कहा कि वह ईवीएम के डेटा को नहीं मिटाएगा। गैर-सरकारी संगठन एडीआर ने आयोग की एसओपी पर...

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्वाचन आयोग के एक प्रस्ताव को मान लिया। आयोग ने बीईएल और ईसीआईएल को ईवीएम की प्रामाणिकता की जांच करने तथा सत्यापन करने का प्रस्ताव दिया था। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ईवीएम में बर्न मेमोरी और सिंबल लोडिंग यूनिट (एसएलयू) के सत्यापन के लिए अपने फैसले के अनुपालन में याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि वह ईवीएम पर मौजूद डाटा को नहीं मिटाएगा, जिसके लिए उम्मीदवारों ने सत्यापन की मांग की है। गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि ईवीएम के सत्यापन के लिए आयोग द्वारा तैयार की गई एसओपी ईवीएम-वीवीपीएटी मामले में अप्रैल 2024 के फैसले के अनुरूप नहीं थी।
पीठ ने बुधवार को तकनीकी एसओपी में संशोधन के लिए आयोग के प्रस्ताव पर गौर किया और कहा कि भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर भी एक प्रमाणपत्र जारी करेंगे कि वे इस बात से संतुष्ट हैं कि ईवीएम की बर्न मेमोरी और सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है और उनकी शुचिता बरकरार है।
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