एनसीएलएटी अपील में 15 दिन की देरी माफ कर सकता है: कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीएलएटी केवल 15 दिन की देरी को ही माफ कर सकता है। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और आर. महादेवन ने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में सख्त समयसीमा निर्धारित की...

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) अपील दायर करने में अधिकतम 15 दिन की देरी ही माफ कर सकता है। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) ने अपील दायर करने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए सख्त समयसीमा निर्धारित की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिवाला कार्यवाही का दुरुपयोग समय-सीमा समाप्त हो चुके ऋणों की वसूली के लिए न किया जाए। देरी को माफ करने का मतलब है कि अदालत या प्राधिकरण को अपील या आवेदन दायर करने में देरी को नजरअंदाज करने की अनुमति देना, भले ही वह निर्धारित समय सीमा से परे हो।
पीठ ने कहा कि धारा 61(2) का प्रावधान स्पष्ट रूप से एनसीएलएटी के अधिकार क्षेत्र को आरंभिक 30 दिन की अवधि से परे केवल 15 दिनों तक की देरी माफ करने तक सीमित करता है।
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