पर्यटकों ने कहा, आतंक हमें तोड़ नहीं सकता
पहलगाम हमले के बाद भी कश्मीरियों के साथ खड़े हैं पर्यटक अनंतनाग, एजेंसी पहलगाम

पहलगाम हमले के बाद भी कश्मीरियों के साथ खड़े हैं पर्यटक अनंतनाग, एजेंसी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भले ही पूरे देश को हिला दिया हो लेकिन धीरे-धीरे कश्मीर फिर से खड़ा होने की कोशिश कर रहा है। उसकी इस कोशिश में मजबूती से उसके साथ खड़े हैं वो पर्यटक जिन्होंने हमले के बाद वापस घर लौटने के बजाय कश्मीर और कश्मीरियों का साथ देने का फैसला किया है। पर्यटकों का कहना है कि आतंक उन्हें तोड़ नहीं सकता।
आतंकी हमले में जहां 26 पर्यटकों की जान चली गई वहीं इस घटना से पर्यटन पर पूरी तरह निर्भर कश्मीरी अर्थव्यवस्था को भी गहरा धक्का लगा है। लेकिन डर और अनिश्चितता के बीच एक बार फिर कश्मीर खड़ा होने की कोशिश कर रहा है।
शुक्रवार दोपहर को पहलगाम में कुछ दुकानें दुबारा खुलनी शुरू हुईं। इतना ही नहीं गम के सन्नाटे में लिपटी घाटी में कुछ ऐसे बहादुर पर्यटक भी पहुंचे जिनके हौंसले को कोई भी डर या आतंक तोड़ नहीं सकता। उन्होंने अपने देश के अभिन्न अंग कश्मीर के साथ मजबूती से खड़े रहने का फैसला किया है।
मुंबई से आए ऐसे ही छह सदस्यीय पर्यटक दल में शामिल पराग जोशी ने बताया कि वह उस जगह से हैं जहां के तीन पर्यटकों ने हमले में अपनी जान खो दी। उन्होंने कहा कि वह उसी दिन हवाई अड्डे पर उतरे जिस दिन यह हमला हुआ। लेकिन उन्होंने हमले का पता चलने के बाद वापस जाने के बजाय कश्मीर में ही अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रुकने का निर्णय लिया। जोशी के अनुसार वो वहां समीर नाम के व्यक्ति से मिले जो उन्हें व उनके साथ आए पांच अन्य पर्यटकों को अपने घर ले गए और उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा। उनके अनुसार कुछ ऐसे बुरे लोग जो कश्मीर से हैं भी नहीं, की वजह से कश्मीर की छवि पर दाग लग रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि उनके इस कृत्य से यहां पर्यटन बंद हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होगा।
अन्य पर्यटक पायल जोशी ने भी स्थानीय लोगों की आत्मीयता व सहयोग की सराहना की और कहा कि उन्हें कश्मीर में रहते हुए किसी भी तरह का डर नहीं लग रहा। इसीलिए वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 अप्रैल तक वहां रहेंगे और कश्मीर की खूबसूरती का आनंद लेंगे। उन्होंने कहा कि वो लोग चाहतें हैं कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था चरमरा जाए लेकिन हमें उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है।
पर्यटक अंजान ने कहा कि कश्मीरी लोगों की आत्मा हमसे गहराई से जुड़ी है और आतंक हमें तोड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा कि वह देश को लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि जो भी यहां आना चाहता है, जरूर आए और यहां प्रेम व शांति से समय बिताए। पर्यटकों व स्थानीय लोगों के संयुक्त प्रयास आतंकियों को यह संदेश देने के लिए काफी हैँ कि डर नहीं जीतेगा और कश्मीर लोगों के दिलों में बना रहेगा।
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