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स्कूल ने नहीं दी एंट्री, गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे पैरेंट्स; बच्चों ने परिसर में ही शुरू की पढ़ाई

गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन जारी है। स्कूल बढ़ी हुई फीस नहीं देने पर 15-20 बच्चों को एंट्री नहीं दे रहा है। ऐसे में बुधवार को अभिभावक बच्चों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, गाजियाबादWed, 9 April 2025 09:55 AM
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स्कूल ने नहीं दी एंट्री, गाजियाबाद जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे पैरेंट्स; बच्चों ने परिसर में ही शुरू की पढ़ाई

गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन जारी है। स्कूल बढ़ी हुई फीस नहीं देने पर 15-20 बच्चों को एंट्री नहीं दे रहा है। ऐसे में बुधवार को अभिभावक बच्चों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी से बच्चों को स्कूल में एंट्री दिए जाने की मांग की है। इस दौरान छात्रों ने कलेक्ट्रेट परिसर में ही पढ़ाई शुरू कर दी। बीते दो दिनों से अभिभावक स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को भी दो घंटे हंगामा चला लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

108 बच्चों को नोटिस

सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल ने नया सत्र शुरू होने से पहले 108 बच्चों को नोटिस दिया था कि फीस न भरने पर नाम काटा जा सकता है। अभिभावकों का कहना था कि 2018-19 के बाद दाखिला लेने वाले इन बच्चों की मनमानी फीस बढ़ा दी गई, जो जिला शुल्क नियामक समिति की निर्धारित फीस से कहीं अधिक है। इसीलिए अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं। रविवार को जिलाधिकारी आवास पर प्रदर्शन किया और सोमवार को बच्चे स्कूल पहुंचे तो इन बच्चों को प्रवेश नहीं मिला।

100 से ज्यादा अभिभावकों का प्रदर्शन

अभिभावक अपर्णा शुक्ला का कहना है कि मंगलवार को भी स्कूल ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया। सुबह साढ़े सात बजे अभिभावक पहुंचे तब भी गेट नहीं खोला। इसीलिए 100 से अधिक अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। इसी बीच स्कूल प्रबंधन ने चार अभिभावकों को बुलाकर कहा कि फीस उतनी ली जाएगी। गतिरोध चलता रहा। वहीं, स्कूल में प्रवेश न मिलने और दो दिन से चल रहे हंगामे को देख कई बच्चों की आंखे छलक पड़ीं।

डीएफआरसी का उल्लंघन किया जा रहा

जयपुरिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार का कहना है कि स्कूल प्रबंधन यूपी स्व-वित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क निर्धारण अधिनियम 2018 की जिस धारा में फीस बढ़ा रहा है, उसी धारा में लिखा है कि यदि कोई शासनादेश आया हो तो उसके अनुरूप फीस बढ़ाई जा सकती है। इसके बाद भी डीएफआरसी का उल्लंघन किया जा रहा है। अभिभावक इसे स्वीकार नहीं करेंगे।

अधिनियम के अनुरूप ही शुल्क लगाया गया

सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल की प्रधानाचार्य शालिनी नांबियार का कहना है कि यूपी स्व-वित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क निर्धारण अधिनियम 2018 स्कूल को शुल्क बढ़ाने का अधिकार देता है। स्कूल ने जो शुल्क लगाया है, वह अधिनियम के अनुरूप ही है। इससे शैक्षणिक सुविधाओं व शिक्षा का स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी। बढ़ाए गए शुल्क में भी छूट देने को तैयार हैं, लेकिन अभिभावक नहीं मान रहे।