बर्दाश्त नहीं कर सकते ऐसी ढिलाई; SC ने क्यों रेखा गुप्ता सरकार की कर डाली खिंचाई, चेतावनी भी दी
दिल्ली पलूशन कंट्रोल बोर्ड (डीपीसीसी) में खाली पदों को भरने में विफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार की खिंचाई की है।

दिल्ली पलूशन कंट्रोल बोर्ड (डीपीसीसी) में खाली पदों को भरने में विफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार की खिंचाई की है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि खासकर तब जब कि यह देश में सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों में से एक है।
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भूइयां ने बेंच ने दिल्ली सरकार को यह चेतावनी भी दी कि यदि डीपीसीसी में खाली पदों को सितंबर 2025 के अंत तक नहीं भर लिया गया तो अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सोमवार को पारित आदेश में कहा गया है, 'हम दिल्ली सरकार की ओर से की गई ढिलाई को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, खासकर तब जब दिल्ली प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित है। हम राज्य को निर्देश देते हैं कि सभी 204 नियुक्तियों को सितंबर 2025 तक भर लें और 15 अक्तूबर तक हलफनामा दायर करें। यदि सभी नियुक्तियां नहीं हो गईं तो अवमानना की कार्रवाई होगी।'
एनसीआर में शामिल राज्यों में पलूशन कंट्रोल बोर्ड और समितियों में नियुक्तियों से संबंधित पुराने आदेशों को पूरा करने में विफलता का स्वत: संज्ञान लेकर सर्वोच्च अदालत सुनवाई कर रही थी। अदालत ने बुधवार को दिल्ली के मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामे की जांच की। इसमें कहा गया है कि डीपीसीसी की 204 में से 83 नियुक्तियां भरी गई हैं और 36 पर प्रक्रिया में है। दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि 26 के लिए अगले सप्ताह इंटरव्यू है।
सरकार ने कहा कि इस साल के अंत तक सभी पद भर लिए जाएंगे। कोर्ट ने इस पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा, 'साल के अंत तक क्यों? बोर्ड का गठन सरकार ने किया है। सरकार नहीं कह सकती है कि पदों को भरने के लिए छह महीने लगेंगे। हलफनामे में यह भी नहीं लिखा है कि कब प्रक्रिया शुरू होगी या विज्ञापन निकाला जाएगा।'कोर्ट ने साफ किया कि सभी पदों को सितंबर के अंत तक ही भरना होगा। अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि किसी आगामी रिक्तता से छह महीने पहले ही इसे भरने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए।