पंजाब में एयरफोर्स की हवाई पट्टी ही बेच डाली, तीन जंगों में हुआ था इस्तेमाल, हाईकोर्ट हैरान
याचिका में मामले की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा था कि फत्तूवाला गांव की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1937-38 में किया गया था और अब तक भारतीय सेना के नियंत्रण में थी।

India Pakistan Tension: पहलगाम हमले के बाद एक और जहां भारत पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है तो वहीं पंजाब में एयरफोर्स की हवाई पट्टी बेचने का हैरतंगेज मामला सामने आया है। सामरिक दृष्टि से बेहद अहम इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल भारतीय सेना ने 1962, 1965 व 1971 के युद्ध में किया था। 15 एकड़ पर बनी यह हवाई पट्टी फिरोजपुर के फत्तूवाला गांव में है। आरोपियों ने जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर कर इसे बेच डाला। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा, जहां से देखकर जज भी हैरान रह गए। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक इस मामले की जांच करें और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कार्रवाई करें। सेवानिवृत्त कानूनगो निशान सिंह की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। दरअसल फिरोजपुर की सीमा पाकिस्तान से लगती है और यह अत्यंत संवेदनशील जिला है।
राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर बेच दी
याचिका में मामले की सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा था कि फत्तूवाला गांव की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1937-38 में किया गया था और अब तक भारतीय सेना के नियंत्रण में थी। इस जमीन 1997 में राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर बेच दी गई। इस जमीन के असली मालिक मदन मोहन लाल की वर्ष 1991 में मौत हो गई थी, लेकिन वर्षों बाद 2009-10 के राजस्व रिकॉर्ड में इसे कुछ लोगों के नाम दिखा दिया गया जबकि भारतीय सेना ने कभी भी इस जमीन का कब्जा किसी अन्य को नहीं सौंपा था।
फिरोजपुर के डी.सी. की निष्क्रियता पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ की एकल पीठ ने फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर की निष्क्रियता पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कहा कि देश की रक्षा से जुड़ी भूमि के मामले में फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर की यह ढिलाई चौंकाने वाली है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की संप्रभुता की रक्षा में तैनात सेना को राज्यपाल तक को गुहार लगानी पड़ी है। कोर्ट 21 दिसंबर, 2023 को आदेश दे चुका था कि छह सप्ताह में जांच पूरी की जाए, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट ने अब पंजाब विजीलेंस चीफ को मामले की जांच सौंपी है। मामले की अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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