bjp mla kanwarlal meena who pointed pistol sdm rajasthan surrenders sentenced 3 years jail राजस्थान में SDM पर पिस्तौल तानने वाले भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा का सरेंडर, 3 साल की मिली है सजा, Jaipur Hindi News - Hindustan
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राजस्थान में SDM पर पिस्तौल तानने वाले भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा का सरेंडर, 3 साल की मिली है सजा

राजस्थान के बारां जिले की अंता सीट से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अदालत ने उन्हें झालावाड़ की अकलेरा जेल भेजने के आदेश दिए है।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरWed, 21 May 2025 01:15 PM
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राजस्थान में SDM पर पिस्तौल तानने वाले भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा का सरेंडर, 3 साल की मिली है सजा

राजस्थान के बारां जिले की अंता सीट से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अदालत ने उन्हें झालावाड़ की अकलेरा जेल भेजने के आदेश दिए है। मीणा को 20 साल पुराने एक आपराधिक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद उन्हें 21 मई तक ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।

पूरा मामला वर्ष 2005 से जुड़ा है। 3 फरवरी को झालावाड़ के मनोहर थाना क्षेत्र में दांगीपुरा-राजगढ़ मोड़ पर उपसरपंच चुनाव के बाद पुनर्मतदान की मांग को लेकर ग्रामीणों ने रास्ता रोक रखा था। सूचना पर तत्कालीन एसडीएम रामनिवास मेहता, प्रोबेशनर आईएएस डॉक्टर प्रीतम बी. यशवंत और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। इसी दौरान कंवरलाल अपने साथियों के साथ पहुंचे और कथित रूप से एसडीएम की कनपटी पर पिस्टल तान दी। उन्होंने दोबारा वोटों की गिनती की घोषणा नहीं होने पर जान से मारने की धमकी दी।

घटना के दौरान कंवरलाल पर विभागीय फोटोग्राफर का कैमरा तोड़ने और जला देने का आरोप भी लगा। इसके अलावा उन्होंने आईएएस अधिकारी का डिजिटल कैमरा भी छीन लिया था, जिसे कुछ देर बाद लौटाया।

इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2018 में कंवरलाल को दोषमुक्त कर दिया था, लेकिन अपीलीय अदालत अकलेरा ने इस फैसले को पलटते हुए 14 दिसंबर 2020 को तीन साल की सजा सुनाई। इस आदेश के खिलाफ कंवरलाल ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसे खारिज कर सजा बरकरार रखी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी 7 मई 2025 को विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज कर दी थी।

सुनवाई के दौरान कंवरलाल के वकील नमित सक्सेना ने दलील दी थी कि मौके से कोई हथियार या वीडियो साक्ष्य बरामद नहीं हुआ। उन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों को भी नकारा, मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं और दो हफ्ते में सरेंडर का निर्देश दिया।

इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि कंवरलाल की आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके खिलाफ पहले से 15 आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं, भले ही उनमें से ज्यादातर में वे दोषमुक्त हुए हों।

इस बीच कंवरलाल की विधायकी को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से मुलाकात हुई। माना जा रहा है कि यह मुलाकात कंवरलाल के मामले और संभावित दया याचिका पर चर्चा को लेकर हुई, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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