अयोध्या के राम दरबार को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार; कहां बन रहीं मूर्तियां, कब होगी स्थापना?
- सफेद संगमरमर से बनी यह मूर्ती लगभग 5 फीट की है। यह मूर्ति राम दरबार का हिस्सा है। इसमें सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां भी होंगी।

मूर्तिकार प्रशांत पांडे की देखरेख में लगभग 20 कारीगरों की एक टीम भगवान राम की मूर्ति को अंतिम रूप दे रही है। काम अपने अंतिम दौर में है। इसलिए संभव है कि अगले महीने एक और भव्य समारोह के साथ अयोध्या में उनके मंदिर में इस मूर्ती को स्थापित किया जाएगा। जयपुर में सफेद संगमरमर से बनी यह मूर्ती लगभग 5 फीट की है। यह मूर्ति राम दरबार का हिस्सा है। इसमें सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियां भी होंगी।
मूर्तियों का यह सेट अयोध्या राम मंदिर की पहली मंजिल पर लगाया जाना है, जिसे पिछले साल एक बड़े प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के साथ जनता के लिए खोल दिया गया था। मंदिर के निर्माण पर काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा। मंदिर के परकोटे के लिए भगवान सूर्य, गणेश, हनुमान, माता दुर्गा और मां अन्नपूर्णा की मूर्तियों की नक्काशी भी चल रही है। इसके साथ ही सप्त ऋषि मंदिर के लिए मूर्तियों पर भी काम चल रहा है।
मूर्तिकार ने कहा कि सभी मूर्तियाँ अंतिम प्रक्रिया में हैं। उन्हें अयोध्या राम मंदिर ले जाया जाएगा। यह हमारे लिए सिर्फ़ कला नहीं है, यह एक पवित्र ज़िम्मेदारी है। अपने पिता सत्यनारायण पांडे की देखरेख में काम कर रहे प्रशांत पांडे ने कहा कि पत्थर पर हर स्ट्रोक भक्ति से भरा हुआ है। हम सिर्फ़ मूर्तियाँ नहीं बना रहे हैं, हम भगवान राम और उनके मूल्यों की कहानी बता रहे हैं। पांडे ने कहा कि राम दरबार मंदिर का आध्यात्मिक हृदय होगा।
जैसे-जैसे कारीगर अपना काम जारी रखेंगे, अयोध्या में राम मंदिर आस्था, परंपरा और शिल्प कौशल को एक आध्यात्मिक मील के पत्थर में मिलाते हुए पूरा होने के करीब पहुँचता जाएगा। अगले महीने होने वाले अभिषेक समारोह में प्रतीकात्मक रूप से भगवान राम को 'राजा' के रूप में चिह्नित किया जाएगा, जो मंदिर की आध्यात्मिक कथा को उनके बचपन (जैसा कि राम लला की मूर्ति में देखा गया है) से उनके राजा होने तक ले जाएगा।