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यूपी में आंधी-बारिश से 46 लोगों की मौत, बिजली व्यवस्था चरमराई, दर्जनों ट्रेनों पर भी असर

यूपी में आंधी-बारिश ने जबरदस्त कहर डाया है। अब तक 46 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग घायल और आकाशीय बिजली से झुलस गए हैं। पोल-पेड़ गिरने से बिजली व्यवस्था चरमराई गई है। दर्जनों ट्रेनों पर भी असर हुआ है।

Yogesh Yadav लखनऊ, विशेष संवाददाताThu, 22 May 2025 09:11 PM
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यूपी में आंधी-बारिश से 46 लोगों की मौत, बिजली व्यवस्था चरमराई, दर्जनों ट्रेनों पर भी असर

उत्तर प्रदेश में आई तेज आंधी व बारिश जबरदस्त कहर ढाया है। 24 घंटे में 46 लोगों की मौत होने की सूचना है। सबसे अधिक मौतें कासगंज, फतेहपुर में पांच-पांच और मेरठ व औरैया में चार-चार की हुई है। पेड़ और पोल गिरने से बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। दर्जनों ट्रेनों पर भी असर हुआ है। गाजियाबाद में दो, बुलंदशहर तीन, फिरोजाबाद एक, इटावा दो, अलीगढ़ एक, हाथरस एक, गौतमबुद्धनगर तीन, चित्रकूट एक, अंबेडकरनगर एक, अमेठी में एक व एटा में तीन मौतें हुई हैं। मथुरा में एक की मौत हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राहत आयुक्त कार्यालय ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाई जाए और मुआवजा दिया जाए। राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है।

अयोध्या और अमेठी में दीवार गिरने से एक-एक महिला की मौत हो गई। अंबेडकरनगर में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत हुई। सुल्तानपुर में आकाशीय बिजली गिरने से मकान में आग लग गई, जिसमें एक व्यक्ति का पैर झुलस गया। इस दौरान दो मवेशियों की मौत हो गई। अयोध्या में भोर में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से कई गांवों की बिजली गायब हो गई। रुदौली के आंसू मऊ गांव में दीवार गिरने से महिला की मौत हो गई। बेनीगंज जलवानपुरा अमानीगंज में लोग जलभराव से परेशान दिखे। अमेठी जिले के शिवरतनगंज थानाक्षेत्र के गांव मैंझार में बारिश के बाद कच्ची दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गई है।

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अंबेडकरनगर में बिजली गिरने से एक की मौत हो गई। पोल गिरने से बिजली गुल हो गई। पेड़ गिरने और जलभराव से आवागमन बाधित रहा। सुल्तानपुर में गुरुवार को तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हुई। दो जगह आकाशीय बिजली गिरी। जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र में बिजली गिरने से दो मवेशी मरे जबकि बल्दीराय में आकाशीय बिजली से मकान में आग लग गया। इससे एक व्यक्ति का पैर झुलस गया। बारिश से अन्य फसलों को तो लाभ पहुंचा, लेकिन आम की फसल को नुकसान हुआ।

कानपुर मंडल में 11 समेत कुल 19 लोगों की मौत हुई है। इसमें कानपुर नगर-औरैया में तीन-तीन, कानपुर देहात और इटावा में दो-दो और कन्नौज में एक मौत हुई है। कानपुर मंडल से इतर बात करें तो फतेहपुर में सबसे ज्यादा पांच मौतें हुई हैं। इसके अलावा झांसी में किशोरी समेत दो की मौत हुई है। चित्रकूट में भी बिजली गिरने से एक युवक की जान चली गई।

ब्रज में तूफान से 16 लोगों की मौत हुई है। सैकड़ों पेड़ उखड़ गए। कई घंटे तक बिजली गुल रही। सबसे ज्यादा छह मौतें कासगंज में हुईं। एटा में पांच, आगरा में तीन, फिरोजाबाद दो लोगों की मौत हुई है। करीब तीन दर्जन पशु हताहत हुए हैं और 50 लोग घायल हुए हैं। जिलों में लाइनों के ब्रेकडाउन से घंटों तक बिजली नहीं आई। आगरा के कई इलाकों में 16 घंटे बाद बिजली की आपूर्ति हुई। इससे पेयजल की भी दिक्कत रही। फसलों में आम उत्पादक किसानों को कासगंज में बड़ा नुकसान हुआ है।

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मुरादाबाद मंडल में आंधी-पानी से दो मौतें हुई हैं। मुरादाबाद शहर के कोठीवाल नगर में आकाशीय बिजली गिरने से दो घरों के एसी, टीवी, पंखे समेत कई उपकरण फुंक गए। आसपास के 20 घरों में भी भारी नुकसान हुआ। अलीगढ़-हाथरस में आंधी-बारिश में तीन की मौत हुई है।

प्रदेश भर में बेपटरी हुई बिजली व्यवस्था

लखनऊ। बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात को आंधी-पानी और पेड़ों के टूटकर गिरने से प्रदेश भर में बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गई। प्रदेश भर में ज्यादतर जगहों पर कई-कई घंटे बत्ती गुल रही और आपूर्ति बहाल करने में बिजली विभाग के पसीने छूट गए। जानकारों की मानें तो संविदा कर्मचारियों की छंटनी और उनके विरोध प्रदर्शन की वजह से यह समस्या और भी बढ़ गई। कई जगहों पर गुरुवार दोपहर बाद तक आपूर्ति पटरी पर नहीं आ सकी। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ऐसी परिस्थिति में सभी उपभोक्ताओं से संयम रखने की अपील की है।

तेज आंधी और की वजह से बुधवार रात में ही मेरठ और हापुड में विद्युत टावर टूटकर गिर गए। 220 केवी के 85 व 86 नंबर के टावर टूटकर गिर जाने की वजह से बत्ती गुल हो गई। कई घंटे के बाद इन क्षेत्रों में 765 मैटोर के वैकल्पिक स्रोतों से आपूर्ति बहाल की जा सकी। विभाग ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इन दोनों टावरों को दुरुस्त कर लिया जाएगा। आंधी की वजह से 220 केवी नैहटौर मैटोर सर्किट के 6 व 7 नंबर के दो टावर टूट गए। इन क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति 220 केवी अमरोहा के वैकल्पिक स्रोत से बहाल की गई। लखीमपुर खीरी व सीतापुर के कुछ क्षेत्रों में पेड़ों के गिरने से पोल व लाइन टूट गई और विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई। दक्षिणांचल के मथुरा और पश्चिमांचल के नोएडा, बुलंदशहर सहित कई जिलों में आंधी-तूफ़ान आने से विद्युत व्यवस्था बाधित हुई है।

मध्यांचल में लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, पूर्वांचल के गोरखपुर, देवरिया, मऊ, बलिया, कुशीनगर, आजमगढ़ और देवरिया में भी बत्ती गुल होने से लोग परेशान रहे। संविदा कर्मचारियों की कमी और उनकी हड़ताल ने लोकल फॉल्ट दूर करने की कोशिशें भी प्रभावित कीं। फील्ड का ज्यादातर काम संविदा कर्मचारी ही करते हैं। ऐसे में छंटनी और उस पर उनकी हड़ताल की वजह से फॉल्ट कई-कई घंटों बाद खोजी जा सकी और उन्हें दूर करने में गुरुवार का भी दिन बीत गया।

लखनऊ मेल डायवर्ट, 15 से अधिक ट्रेनें घंटों फंसीं

मुरादाबाद। मंडल में बुधवार देर शाम आई तेज आंधी ने गाजियाबाद-मुरादाबाद रेल खंड पर संचालन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया। तेज हवाओं के साथ आए तूफान में कई स्थानों पर पेड़ गिर गए और ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर (ओएचई) ट्रिप कर गईं। इससे इस रूट पर चल रही तमाम ट्रेनें जहां-तहां रोक दी गईं। संचालन पूरी तरह ठप हो गया, जो करीब छह घंटे बाद सामान्य हो सका।

इस दौरान नई दिल्ली से चलकर मुरादाबाद आने वाली लखनऊ मेल (12230) को गाजियाबाद से डायवर्ट कर मेरठ के रास्ते हापुड़ होते हुए मुरादाबाद लाया गया। यह ट्रेन जो रात एक बजकर 15 मिनट पर मुरादाबाद पहुंचती है, वह साढ़े छह घंटे की देरी से सुबह 7:45 बजे पहुंची। गाजियाबाद-महरौली-पिलखुवा-सिंभावली-अमरोहा सेक्शन और चांदपुर- हल्दौर में आंधी से पेड़ गिरने के कारण अप और डाउन दोनों लाइनों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सबसे पहले टनकपुर से आ रही पूर्णागिरी एक्सप्रेस (12035) को रोकना पड़ा, क्योंकि ओएचई तारों पर पेड़ लटक रहे थे। पिलखुवा, सिंभावली, डासना, हापुड़ और महरौली स्टेशनों पर स्थितियों के अनुसार ट्रेनों को खड़ा रखा गया। कई ट्रेनों के रूट बदले गए और कुछ ट्रेनों को घंटों इंतजार कराना पड़ा।

रेल लाइन पर गिरे पेड़ और ओएचई की मरम्मत के लिए रातभर टॉवर वैगन की मदद से ऑपरेशन चलाया गया। रेलवे इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रिकल टीमों ने ट्रैक पर रात भर काम किया। रात करीब 2:45 बजे डाउन लाइन को फिट घोषित किया गया और संचालन धीरे-धीरे बहाल किया गया। गुरुवार तड़के पूरे सेक्शन में फुट पेट्रोलिंग के बाद ट्रेनें सुचारु रूप से चलाई जा सकीं। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता के अनुसार तेज आंधी के चलते कई स्थानों पर ओएचई तार टूटे या ट्रिप हो गए। ट्रेनें रोकनी पड़ीं। रातभर टॉवर वैगन के जरिए मरम्मत कराई गई और गुरुवार तड़के पूरी सुरक्षा के साथ रेल संचालन बहाल किया गया।

प्रभावित प्रमुख ट्रेनें और उनकी देरी

लखनऊ मेल (12230)- 6 घंटे 30 मिनट देरी

गरीब रथ (12212)-7 घंटे 45 मिनट देरी

अमृतसर-जयनगर क्लोन - 11 घंटे देरी

पद्मावत एक्सप्रेस (14208) - गाजियाबाद में 6 घंटे 38 मिनट खड़ी रही

अयोध्या एक्सप्रेस (14206) -हापुड़ में 3 घंटे 55 मिनट रुकी

सुशासन एक्सप्रेस - गाजियाबाद से आगे 6 घंटे 27 मिनट देरी

नौचंदी एक्सप्रेस - मेरठ यार्ड में सिग्नल फेल होने से हापुड़ में 2 घंटे 40 मिनट खड़ी रही

पूर्णागिरी एक्सप्रेस (12035) - पिलखुवा में लगभग 3 घंटे रुकी

गाजीपुर-श्री माता वैष्णो देवी, सिद्धबली जनशताब्दी और मुरादाबाद-दिल्ली पैसेंजर - ढाई से तीन घंटे तक प्रभावित रहीं

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