Akhilesh called the decision of caste census a victory for PAD also revealed the next strategy लोकतांत्रिक आंदोलन का यह पहला चरण, जातीय जनगणना के फैसले पर किसके अंत की बात कर गए अखिलेश, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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लोकतांत्रिक आंदोलन का यह पहला चरण, जातीय जनगणना के फैसले पर किसके अंत की बात कर गए अखिलेश

मोदी सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीडीए की जीत बताया है। कहा कि पीडीए की एकजुटता के आगे भाजपा ने मजबूरन यह फैसला लेने को बाध्य हुई है।

Yogesh Yadav लखनऊWed, 30 April 2025 07:08 PM
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लोकतांत्रिक आंदोलन का यह पहला चरण, जातीय जनगणना के फैसले पर किसके अंत की बात कर गए अखिलेश

जातीय जनगणना कराने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की जीत बताया है। अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए की एकजुटता के आगे भाजपा सरकार मजबूरन यह फैसला लेने को बाध्य हुई है। सरकार के इस फैसले को सामाजिक न्याय की लड़ाई में महत्वपूर्ण फैसला बताते हुए आगे की रणनीति का भी अखिलेश यादव ने खुलासा कर दिया है। अखिलेश ने कहा कि सभी जातियों को अब अपना-अपना हक मिल सकेगा। अखिलेश ने कहा कि अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का यह पहला चरण है। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा।

अखिलेश ने सरकार के फैसले के बाद एक्स पर लिखा कि जाति जनगणना का फ़ैसला 90 प्रतिशत पीडीए की एकजुटता की 100 प्रतिशत जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है।

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भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे। ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है।

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गौरतलब है कि अखिलेश यादव लगातार जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं। संसद के पिछले सत्र के दौरान तो अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया था कि आप करा सकते हैं तो करा दीजिए, नहीं तो हम लोगों को जब कभी भी मौका मिलेगा हम जातीय जनगणना कराएंगे। जनसंख्या के अनुपात में अधिकार की बात से साफ है कि अखिलेश यादव अब अपने पुराने अभियान जितनी जिसकी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी को मुद्दा बनाने जा रहे हैं। संसद में उन्होंने आउटसोर्सिंग और कांट्रेक्ट की नौकरियों में कोई आरक्षण नहीं मिलने का मामला भी उठाया था। ऐसे में लगता है कि इसे भी सपा अब मुद्दा बना सकती है।