अखिलेश यादव 19 को आगरा से साधेंगे समीकरण, सुमन के बहाने पीडीए फार्मूले को नई धार देने का प्लान
- राज्यसभा में विवादित बयान के बाद सांसद रामजीलाल सुमन का भारी विरोध हुआ। इसके बचाव में सबसे पहले डॉ. रामगोपाल ने दलित कार्ड खेला। उन्होंने कहा था कि यह दलित सांसद पर सुनियोजित हमला है। इसी पंचलाइन को शिवपाल यादव और अखिलेश यादव लगातार आगे बढ़ा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 19 अप्रैल को आगरा आ रहे हैं। वे यहां राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर जाएंगे। कार्यकर्ताओं के साथ अलग से बैठक भी कर सकते हैं। पार्टी मुखिया सांसद सुमन के बहाने दलितों की राजधानी में सियासी समीकरण साधेंगे। आगरा के उनके इस दौरे को पीडीए फार्मूले को मिशन-2027 के मद्देनज़र नई धार देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्यसभा में विवादित बयान के बाद सांसद सुमन का भारी विरोध हुआ। इसके बचाव में सबसे पहले डॉ. रामगोपाल ने दलित कार्ड खेला। उन्होंने कहा था कि यह दलित सांसद पर सुनियोजित हमला है। इसी पंचलाइन को शिवपाल यादव और अखिलेश यादव लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। सपा प्रमुख कई दिनों से हुईं पीडीए सभाओं, पंचायतों में करणी सेना को भाजपा की सेना कहकर संबोधित कर रहे हैं। साफ तौर पर कह रहे हैं कि सेना के सभी लोग भाजपाई हैं।
इटावा में उन्होंने इसे हिटलर के 'ट्रुपर्स' से जोड़ दिया। यानी इसे क्षत्रियों का नहीं, बल्कि भाजपा की सुनियोजित साजिश करार देकर मोड़ने की कोशिश हो रही है। जबकि सुमन के आवास पर हमले को दलित उत्पीड़न की संज्ञा दी जा रही है। यानी हल्के हाथ से पूरे मामले को क्षत्रियों की ओर से मोड़कर दलितों के साथ अपने पक्ष में जोड़ने का प्रयास हो रहा है। सुमन के आवास पर उनसे मुलाकात के दौरान अखिलेश का बयान आगे की संभावनाओं को तय करने वाला हो सकता है। एक बात और, सपा के आला नेताओं ने ईद के बाद प्रदेशभर में आंदोलन की घोषणा की थी। आगरा में अखिलेश इस घोषणा का भविष्य भी तय कर सकते हैं।
सुरक्षा कवच बनेंगे दलित युवक
रविवार को बुद्ध विहार प्रबंध समिति चक्कीपाट की बैठक हुई। इसमें मंत्री चौ. रामगोपाल ने कहा कि नंगी तलवारों के साथ हथियारों का प्रदर्शन करके सांसद के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की गईं। प्रशासन की अनुमति की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। यह लोकतंत्र का आचरण नहीं है। इसलिए दलित समाज के युवक सांसद का सुरक्षा कवच बनाएंगे। बैठक में रामबाबू वर्मा, राजकुमार सिंघाल, कुंवर पाल, अशोक कुमार, प्रेम सिंह, दिलीप सोनकर, गंगा सिंह, राजेश सोनी, बिल्लू मौजूद रहे।
सांसद सुमन के आवास पर कड़ी सुरक्षा बरकरार
उधर, करणी सेना के रक्त स्वाभिमान सम्मेलन को लेकर सपा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास पर किए गए सुरक्षा इंतजाम रविवार को भी बरकरार रहे। एमजी रोड पर लगाए गए बैरियर धीरे-धीरे हटाकर यातायात सुचारु कर दिया गया।
प्रोफेसर कॉलोनी मार्ग पर एचआईजी फ्लैट्स पर कड़ी सुरक्षा जारी है। गेट से घुसते ही पहला मकान सपा सांसद रामजीलाल सुमन का है। पुलिस ने इस रास्ते पर बैरियर लगाने के साथ क्रेन लगा रखी थी और बाहर पीएसी तैनात की थी। रविवार को भी वहां मुस्तैदी दिखी। हर आने-जाने वाले पर निगाह रखी जा रही है। पुलिस का मानना है कि उन्हें खतरा है।
उधर, दोपहर होते-होते शहर की लाइफ लाइन एमजी रोड पर यातायात समान्य हो गया। पूर्व में सांसद सुमन के आवास पर हमला हुआ था। आशंका थी कि फिर वहां भीड़ जमा हो सकती है। इसी के चलते त्रिस्तरीय सुरक्षा प्लान तैयार किया गया था। पुलिस ने क्रेन, जेसीबी मशीन, सीमेंट के बैरियर लगाकर रास्ते बंद कर दिए थे। पुलिस की प्लानिंग की वजह से एमजी रोड के दुकानदार शनिवार को ग्राहकों के लिए परेशान रहे। कारोबारियों ने तो यहां तक कह दिया कि पुलिस ने अघोषित कर्फ्यू लगा दिया है। हजारों लोग घरों में कैद हो गए।
रविवार को सुबह से पुलिस ने स्पीड कलर लैब और हरीपर्वत के बीच यातायात बंद रखा था। यातायात पुलिसकर्मी दोनों तरफ तैनात थे। बैरियर लगे हुए थे। लोगों को बाग फरजाना मार्ग की तरफ डायवर्ट किया जा रहा था। दोपहर से पहले बैरियर हटा दिए गए।
सम्मेलन के बाद मुलाकातियों के आने का दौर चला
करणी सेना के प्रदर्शन और रक्त स्वाभिमान सम्मेलन शांति से गुजरने के बाद सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने रविवार को आराम किया। कई दिनों से चल रहे गतिरोध के दौरान उन्हें भारी सिरदर्द की शिकायत भी हुई। दोपहर भर सोने के बाद मुलाकातियों के आने का दौर देर शाम तक चलता रहा।
शनिवार शाम पांच बजे सब-कुछ शांति से गुजरने के बाद सांसद सुमन समेत समर्थक और कार्यकर्ताओं को राहत नसीब हुई। शाम को उनके चेहरों से यह साफ झलका। समर्थकों की विदाई के बाद सुमन आराम से सोए, लेकिन सिरदर्द ने उन्हें परेशान किया। यह रविवार को भी तकलीफ देता रहा। इसलिए, दोपहर भर उन्होंने आराम का फैसला लिया। इधर, समर्थक उनके आवास पर आते-जाते रहे।
बाहर कम ही निकले
चूंकि शनिवार को सिर्फ 104 लोग ही आवास तक पहुंच पाए थे। पुलिस ने इतने को ही अनुमति दी थी। जबकि तमाम कार्यकर्ता शनिवार को आवास पर मौजूद रहना चाहते थे। ऐसे लोग रविवार को देर शाम तक आते रहे। शाम को किशनी के सपा विधायक ब्रजेश कठेरिया भी मिलने आए। इस दौरान सांसद खुले में बहुत कम आए। मुलाकातियों को अंदर ही बुलाया गया। धर्मेंद्र यादव, गौरव यादव मुलाकातियों को व्यवस्थित करते रहे।
सोशल मीडिया पर हुई पुलिस की आलोचना
एमजी रोड बंद होने से सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस की आलोचना की थी। एक व्हाट्सऐप ग्रुप में किसी ने लिखा कि योजना बनाने वाले का सम्मान करना चाहते हैं। योजना बनाते समय जनता का बेहद ध्यान रखा गया है। पुलिस अधिकारियों ने भी यह मैसेज देखा। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर एमजी रोड के फोटो डालकर पोस्ट शेयर की। लिखा कि पुलिस को चाहिए था कि सपा सांसद को किसी दूसरी जगह रखती। हर कोई इस बात से हैरान था कि कमिश्नरेट के आला अधिकारी इस बात के लिए तैयार कैसे हो गए कि एमजी रोड पर ट्रैफिक ही बंद कर दिया जाए।