चलती कार से बाहर झांक रहा था मासूम, अचानक बंद हो गया शीशा, गर्दन फंसने से मौत
बलिया में एक परिवार के साथ दिल को दहला देने वाली दर्दनाक घटना हुई है। चलती कार से बाहर झांक रहे परिवार के डेढ़ साल के मासूम की शीशा में गर्दन दबने से मौत हो गई है।

यूपी के बलिया में नई कार की पूजा कर लौट रहे परिवार के साथ दर्दनाक हादसा हुआ है। चलती कार से बाहर झांक रहे डेढ़ साल के मासूम की शीशा में गर्दन फंसने से जान चली गई। घटना के बाद परिवार में मातम पसर गया। घटना ने उन सभी लोगों को सचेत कर दिया है जो मासूम बच्चों को लेकर कार से सफर करते हैं। घटना का शिकार हुआ मासूम अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।
उभांव थाना क्षेत्र के चकिया निवासी रोशन ठाकुर और रवि ठाकुर की कस्बे में जूता-चप्पल की दुकान है। दोनों भाइयों ने नई कार खरीदी थी। इसकी पूजा कराने के लिए वह चंदाडीह गांव में स्थित मातूजी महरानी मंदिर गये थे। पूजा-पाठ कराकर सभी वापस लौट रहे थे। कार को रवि चला रहे थे। उनकी बगल वाली सीट पर रोशन बैठे हुए थे। जबकि पीछे की सीट पर रवि की पत्नी और रोशन का डेढ़ साल का बेटा रेयांश उर्फ कान्हा बैठा हुआ था।
बताया जाता है कि चलती कार से रेयांश खिड़की से बाहर झांक रहा था। इसी बीच कार में लगा आटोमैटिक शीशा ऊपर चढ़ गया और मासूम की गर्दन उसमें दब गयी। नजर पड़ते ही मासूम की चाची ने शोर मचाने के साथ ही बटन दबाकर शीशे को नीचे उतारा। कार भी किनारे लगाई गई। जब तक शीशा नीचे कर कान्हा को निकाला जाता, वह अचेत हो गया था। उसे नजदीक के एक डॉक्टर के यहां लाया गया। वहां कोई हलचल नहीं होने पर मासूम को रेफर कर दिया गया।
परिजन बच्चे को लेकर मऊ भागे। वहां डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के मौत की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। रोना-चीखना शुरू हो गया। होली से ठीक पहले और नई कार की खुशियों के मौके पर परिवार में हुए हादसे ने सभी को झकझोर दिया है।