2 साल में 5 महिलाओं से रेप कर चुके थे ऑटो ड्राइवर भाई, इस डर से किसी ने नहीं खोला मुंह
- वे महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते और उसका वीडियो भी बना लेते था। वायरल होने के डर से रेप की शिकार महिलाओं में से किसी ने मुंह नहीं खोला। पुलिस में किसी ने शिकायत नहीं की। हालांकि ठाकुरगंज इलाके की रहने वाली एक महिला ने हिम्मत जुटाकर वर्ष 2017 में दिनेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

Encounter in Lucknow: लखनऊ एनकाउंटर में मारा गया ऑटो ड्राइवर अजय और गिरफ्तार किया जा चुका उसका भाई दिनेश किसी दरिंदे की तरह वारदातों को अंजाम दे रहे थे। अजय और दिनेश बीते दो साल में पांच-छह महिलाओं से दुष्कर्म कर चुके थे। उनके गुनाहों की सूची काफी लंबी है। वे महिलाओं के साथ दुष्कर्म करते और उसका वीडियो भी बना लेते था। वायरल होने के डर से रेप की शिकार महिलाओं में से किसी ने मुंह नहीं खोला। पुलिस में किसी ने शिकायत नहीं की। हालांकि ठाकुरगंज इलाके की रहने वाली एक महिला ने वर्ष 2017 में हिम्मत जुटाकर दिनेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उस मामले में दिनेश जेल भी गया था। पुलिस की तफ्तीश में यह जानकारी हुई है। पुलिस उपायुक्त पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि अब अन्य पीड़िताओं का ब्योरा जुटा रही है। पीड़िताओं की तहरीर मिलने पर और मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
पुलिस उपायुक्त पश्चिम के मुताबिक नशे की लत के कारण दिनेश की शादी नहीं हुई थी। अजय की शादी हुई थी, पर कुछ साल पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई थी। दिनेश से अजय की पत्नी की मौत के बारे में पूछा गया कि मौत कैसी हुई? इस पर वह जवाब नहीं दे सका? इस संबंध में ग्रामीणों से जानकारी की जा रही है।
शराब, स्मैक और व्हाइटनर का करते थे नशा
दिनेश और अजय दोनों नशे के लती थे। दोनों शराब, स्मैक और व्हाइटनर का नशा करते थे। पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि अजय मवैया और कई अन्य अड्डों से स्मैक खरीदता था। वह गांव में स्मैक की बिक्री भी करता था।
अगले दिन नंबर प्लेट लगा फिर चलाने लगे ऑटो
बुधवार तड़के दिनेश और अजय बसंत कुंज स्थित घर पहुंचे थे। वहां नहाया और फिर सो गए थे। फिर एक दुकान पर जाकर नंबर प्लेट बनवाई। ऑटो में उसे लगाया और फिर चलाने लगे थे। वारदात से पहले दोनों बिना नंबर प्लेट ऑटो चलाते थे। पता चला है कि दिनेश आटो दिन में चलाता था और अजय रात में।
चोर गिरोह का सरगना था अजय, लगा था गैंगस्टर
मुठभेड़ में मारा गया अजय द्विवेदी चोर गिरोह का सरगना था। वह वर्ष 2017 से चोरी का गिरोह चला रहा था। इस वजह से उसके खिलाफ दो सितंबर 2019 को तत्कालीन थाना प्रभारी ठाकुरगंज नीरज ओझा ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। 12 मई 2022 को पारा पुलिस ने अजय उसके भाई दिनेश के अलावा अविनाश शुक्ला, अजय शुक्ला, अनूप रावत और पवन को गिरफ्तार कर 10 वारदातों का राजफाश किया था। सभी बदमाश जेल गए थे। जेल से छूटने के बाद दोनों भाई दुबग्गा में रहने लगे थे।
अजय के अपराधों की लंबी सूची, दो दर्जन केस
अजय के अपराध की लंबी फहरिस्त है। उसके खिलाफ चोरी के 15 मुकदमे दर्ज हैं। शराब, स्मैक की तस्करी में भी जेल जा चुका था। काकोरी, पारा और ठाकुरगंज में मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, दिनेश के खिलाफ चोरी, दुष्कर्म, मारपीट समेत अन्य धाराओं में ठाकुरगंज और काकोरी में नौ मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि अजय और दिनेश दोनों साथ में आपराधिक वारदात करते थे।