धोखाधड़ी कर दुकान हड़पने के मामले में 14 पर केस
Badaun News - कुलदीप मिश्रा ने अपनी दुकान किराए पर संदीप सिंह को दी थी, लेकिन संदीप ने धोखाधड़ी करते हुए फर्जी इकरारनामा तैयार करवा लिया। इस मामले में 14 लोग आरोपी हैं। कुलदीप ने पुलिस और न्यायालय में शिकायत की,...

किराए पर दिलाई गई दुकान की रजिस्ट्री करवाकर कब्जा दिलाने वाले एक पुराने परिचित ने विश्वासघात करते हुए उसी दुकान पर फर्जी तरीके से दोबारा इकरारनामा तैयार करवा दिया। इस धोखाधड़ी में सदर कोतवाली में रजिस्ट्री कार्यालय के प्रलेखक, स्टांप विक्रेता समेत कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें चार लोग अज्ञात हैं। मामला सामने आने पर पीड़ित ने जब विरोध किया तो आरोपियों ने घर में घुसकर हमला किया और जान से मारने की धमकी दी। सिविल लाइंस कोतवाली के रामनाथ कालोनी के रहने वाले कुलदीप मिश्रा ने न्यायालय में दाखिल प्रार्थना पत्र में बताया कि संदीप सिंह पुत्र सुखमनलाल मूल निवासी बदायूं हाल निवासी बरेली से उनकी पुरानी जान-पहचान थी। उसने अपनी दुकान किराए पर दी और बाद में कुलदीप की मां इंद्रावती मिश्रा के नाम रजिस्ट्री कर दी, लेकिन रजिस्ट्री के बाद पता चला कि दुकान पर पहले से ही 15 लाख रुपये का बैंक लोन था, जिसकी जानकारी जानबूझकर छुपाई गई। इसके बावजूद संदीप ने रजिस्ट्री के समय यह लिखवाया था कि दुकान पर कोई कर्ज नहीं है।
बाद में कुलदीप को पता चला कि संदीप सिंह ने मोहम्मद सगीर उर्फ पप्पू, अभिषेक पाण्डेय प्रलेखक, जसवीर सिंह स्टांप विक्रेता, जाकिर अली, फैज खान, कुलदीप सिंह, मनदीप सिंह, अनीता, महाराज सिंह और चार अज्ञात लोगों ने शामिल होकर फर्जी इकरारनामा तैयार करा लिया। विरोध करने पर संदीप अपने भाइयों पत्नी और अन्य लोगों के साथ कुलदीप मिश्रा के घर पहुंचा और मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित ने सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। इसके बाद एसएसपी को भी शिकायती पत्र दिया गया इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब कुलदीप मिश्रा ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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