अनदेखी: गलियों के मकानों में खोल दिए गए स्कूल, मान्यता नहीं
Bagpat News - - स्कूल की मान्यता न होने से बच्चों की नहीं बन पा रही अपार आईडीअनदेखी: गलियों के मकानों में खोल दिए गए स्कूल, मान्यता नहींअनदेखी: गलियों के मकानों म

जिले में अमान्य स्कूलों का कॉकस है। छोटी-छोटी गलियों और मकानों में स्कूल चल रहे हैं। ऊपर निवास है और नीचे कक्षाएं चल रही हैं। खंड शिक्षाधिकारियों की मेहरबानी इन पर बनी हुई है। इसका खामियाजा अब अभिभावक भुगत रहे हैं। बगैर मान्यता के स्कूलों पर यू-डॉयस कोड तक नहीं हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चों की अपार आईडी नहीं बन रही है। बच्चों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। इसके बाद भी इन्हें बंद कराने की कार्रवाई नहीं हो रही है। शासन को गुमराह करके खंड शिक्षाधिकारियों ने झूठे शपथ पत्र भेज दिए हैं कि उनके क्षेत्र में कोई अमान्य स्कूल संचालित नहीं है।
बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग में पंजीकृत करीब 250 से अधिक विद्यालय हैं। इनमें करीब दो लाख से अधिक बच्चों का पैन नंबर जारी हुआ है। इन बच्चों में से करीब डेढ़ लाख की ही अपार आईडी बनी है। शेष बच्चों के अभिभावक परेशान हैं। स्थिति ये है कि किसी बच्चे का आधार नहीं हैं। आधार है तो नाम मिस मैच है। किसी बच्चे के अभिभावक का आधार गड़बड़ है। बच्चों का नाम स्कूल के रजिस्टर में मैच नहीं हो रहा है। इससे बच्चों के प्रवेश में दिक्कत खड़ी हो गई हैं। बोर्ड की परीक्षाओं में ये नासूर बन गया है। अभिभावक परेशान घूम रहे हैं। वर्तमान में अपार आईडी का काम बंद हो चुका है। दो महीने बाद पोर्टल खुलेगा। उसके बाद आगे कार्रवाई बढ़ेगी। इससे साफ है कि अमान्य स्कूलों के पास तो यू-डायस कोड तक नहीं हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों का पैन नंबर जारी नहीं हुआ है। इन बच्चों के जीवन से सीधा खिलवाड़ हो रहा है। नगर क्षेत्र से लेकर जनपद में दर्जनों की संख्या में ऐसे स्कूल हैं। सबसे ज्यादा स्थिति नगर क्षेत्र की खराब है। पॉश कॉलोनी से लेकर छोटी-छोटी गलियों में स्कूल चल रहे हैं। ऊपर की मंजिल पर परिवार रह रहा है। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी अनदेखा कर रहे हैं। खंड शिक्षाधिकारियों की मेहरबानी इन पर बनी हुई है। इनसे नोटिस नोटिस का खेल खेलते हैं। ये नोटिस भी रिकार्ड में नहीं हैं। ------- कोट- अमान्य स्कूलों पर कार्रवाई के लिए शासन गंभीर है। प्रत्येक दिशा में अमान्य स्कूलों को बंद कराना है। सभी खंड़ शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी करके रिपोर्ट तलब की जाएगी। गीता चौधरी, बीएसए बागपत
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