संसाधन होने का दावा पर जांच कराने यूपीएचसी नहीं आ रही गर्भवतियां
Bareily News - बरेली के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवतियों की जांच कराने की संख्या बहुत कम है। 25 यूपीएचसी में से 18 केंद्रों पर 50% से कम गर्भवतियों का पंजीकरण हुआ है। अधिकारियों ने एएनसी की सुविधा...

बरेली, वरिष्ठ संवाददाता। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भले ही भरपूर संसाधन होने का दावा किया जा रहा है, वहां जांच कराने वाली गर्भवतियों की संख्या बहुत कम है। हालत यह कि कई यूपीएचसी पर तो लक्ष्य के 50 प्रतिशत से भी कम गर्भवतियों ने जांच कराई है। अधिकारियों ने आशा कार्यकत्रियों की मदद से यूपीएचसी पर गर्भवतियों का पंजीकरण बढ़ाने और उनको एंटीनेटल केयर देने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में 25 यूपीएचसी का संचालन किया जाता है। यहां सामान्य ओपीडी के साथ ही बच्चों के टीकाकरण और गर्भवतियों को एएनसी की सुविधा दी जाती है।
जिले की जनसंख्या के अनुपात में 2025-26 के लिए यूपीएचसी पर 48921 गर्भवतियों को एएनसी सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह प्रत्येक माह यूपीएचसी पर कुल 4077 गर्भवतियों का पंजीकरण करने का टारगेट है लेकिन अप्रैल से 15 मई तक सिर्फ 1595 गर्भवतियों का ही पंजीकरण हुआ है। 18 यूपीएचसी पर 50 फीसदी से भी कम रजिस्ट्रेशन 18 यूपीएचसी तो ऐसी हैं जहां लक्ष्य का 50 प्रतिशत से भी कम पंजीकरण हुआ है। मुड़िया नवी बक्श, जसोली, बाकरगंज, हजियापुर, संतनगर, नदोसी, इज्जतनगर, कालीबाड़ी, विश्वनाथपुरम, सुभाषनगर की स्थित अधिक खराब है। यहां लक्ष्य की तुलना में 25 प्रतिशत से भी कम गर्भवतियों का पंजीकरण हुआ है। क्या है एंटीनेटल केयर प्रसवपूर्व देखभाल को एंटीनेटल केयर कहा जाता है। इसमें गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। गर्भवती महिला का पंजीकरण कर उसकी नियमित जांच की जाती है। उसका ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड होता है।
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