लोन देने में बैंक कर रहा था अनाकानी, डीएम पहुंचे क्षेत्रीय कार्यालय
Basti News - मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की प्रगति बेहद खराब है। बैंकों के शाखा प्रबंधकों की मनमानी के चलते कई आवेदन निरस्त किए गए हैं। डीएम ने शाखा प्रबंधकों से बात की और निर्देश दिए कि अनावश्यक रूप से...

बस्ती। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की खराब प्रगति व बैंकों के शाखा प्रबंधकों की मनमानी की मिल रही शिकायत के बाद डीएम रवीश गुप्ता क्षेत्रीय कार्यालय बड़ौदा यूपी बैंक पर जा धमके। योजना में निरस्त की गई फाइलों को खंगाला और खुद ही आवेदक-शाखा प्रबंधक से बात की। छानबीन में बैंकों की मनमानी सामने आई है। शासन स्तर पर हुई समीक्षा में पाया गया है कि उद्योग विभाग से आवेदन-पत्र स्वीकृत होकर जा रहे हैं, जिसे बैंकों में किसी न किसी बहाने से लटका दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना पर शाखा प्रबंधकों की मनमानी भारी पड़ रही है। शासन स्तर पर इसे काफी गंभीरता से लिया गया है। जानकारों का यहां तक कहना है कि जो बैंक योजना में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें जिलों से बोरिया बिस्तर तक समेटने के लिए कहा जा सकता है।
क्षेत्रीय प्रबंधक बड़ौदा यूपी बैंक ने डीएम को अवगत कराया कि 406 आवेदन-पत्र प्राप्त हुए थे। 103 लाभार्थियों का ऋण स्वीकृत किया गया तथा 65 को ऋण वितरण किया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष अत्यंत कम प्रगति पाई गई एवं स्वीकृति व वितरण में अधिक अंतर भी पाया गया। यह भी पाया गया कि कुल 268 आवेदन-पत्र निरस्त किए गए हैं। निरस्त पत्रावलियों की समीक्षा की गई। जिन शाखा प्रबंधकों ने एक भी आवेदन-पत्र पर ऋण वितरण नहीं किया व अधिक संख्या में आवेदन पत्र निरस्त किए हैं, उन शाखा प्रबंधको से डीएम ने दूरभाष पर वार्ता भी की। शाखा प्रबंधक बरदही बाजार एवं लाभार्थी महिमा प्रजापति जिनका आवेदन पत्र निरस्त किया गया है, के मोबाइल पर कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की गई। लाभार्थी ने अवगत कराया कि बैंक ने कोटेशन एवं प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगा था, जिसे समय से उपलब्ध करा दिया था। पुनः कई तरह के प्रपत्र यथा 100 रुपये के स्टाम्प पर चार नोटरी मांगी गई थी, परेशान होकर लाभार्थी ने ऋण लेने से मना कर दिया। डीएम ने क्षेत्रीय प्रबंधक को निर्देशित किया कि ऐसे शाखा प्रबंधको के विरुद्ध कार्रवाई की जाए जो आवेदकों को अनावश्यक परेशान करते हैं। शाखा प्रबंधक महाराजगंज बस्ती, कुदरहा, कप्तानगंज एवं लालगंज से वार्ता की गई तथा निरस्तीकरण का कारण पूछा गया। निर्देशित किया कि अनावश्यक रूप से पत्रावलियों को निरस्त न किया जाए। ऋण स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर अवगत कराया जाए।
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