अभियुक्त को गिरफ्तार करने के दौरान पुलिस से भिड़े वकील
Basti News - बस्ती में एक वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच झड़प हो गई। अभियुक्त ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया, लेकिन पुलिस की गिरफ्तारी के प्रयास पर अधिवक्ताओं ने विरोध किया। इस...

बस्ती, हिन्दुस्तान संवाद। वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस कर्मी और अधिवक्ता आपस में भिड़ गए। हर्रैया थाने की पुलिस को हत्या के प्रयास का वांछित मंगलवार को न्यायालय में सरेंडर करने आया था। वह अपने चार पहिया वाहन से सिविल बार एसोसिएशन परिसर में पहुंचा था। वहां सादे कपड़ों में मौजूद एसओजी व हर्रैया पुलिस ने गिरफ्तार करने का प्रयास किया। यह तमाशा देखकर कुछ अधिवक्ता पहुंच गए और पुलिस कर्मियों से तीखी नोकझोंक होने लगी। थोड़ी देर में वहां काफी संख्या में अधिवक्ता जमा हो गए और वह पुलिस कर्मियों पर टूट पड़े। पुलिस कर्मियों को वहां से पीछे हटना पड़ा।
बाद में अभियुक्त ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि हर्रैया थानाक्षेत्र के बड़हर खुर्द गांव निवासी योगेश धर दूबे के खिलाफ हर्रैया थाने में हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है। अदालत से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है। योगेश अपनी चार पहिया गाड़ी से आत्मसमर्पण करने के लिए कोर्ट पहुंचा था। उसकी गाड़ी जैसे ही सिविल बार के गेट पर पहुंची, सादे कपड़े में मौजूद पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को घेर लिया और चाबी निकाल ली। वह उसे गाड़ी से बाहर खींचने लगे। यह देखकर वहां मौजूद अधिवक्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि सादे कपड़े में आप की पहचान तक नहीं है, इसके बाद भी आप कचहरी परिसर से गिरफ्तारी करने के लिए आ गए हैं। इसे और कहीं गिरफ्तार कर लिए होते। पुलिस कर्मी संख्या में कम होने के कारण पीछे हट गए। कोट आज की घटना बेहद निंदनीय है। अधिवक्ताओं के परिसर से सादे कपड़े में किसी को उठाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। अगर बहुत आवश्यक था तो संगठन पदाधिकारियों को भरोसे में लेकर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। -मारुत कुमार शुक्ल, महामंत्री, सिविल बार एसोसिएशन बस्ती
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