मुंबई में कमरे में फंदे से लटकते पाए गए महराजगंज की 3 बेटियों के शव, गांव में मचा कोहराम
मुंबई में कमरे के अंदर उसकी पत्नी और तीनों बेटियों का शव लटक रहा था। उसने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए। सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची मुंबई पुलिस ने दरवाजा तुड़वाकर चारों शवों को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

यूपी के महाराजगंज के कोल्हुई थाना क्षेत्र के हर्रैया पंडित गांव की दलित महिला और उसकी तीन नाबालिग बेटियों का शव शनिवार को मुंबई में कमरे में फंदे से लटकता मिला। रविवार को जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया। मुंबई पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है। गृहस्वामी से पूछताछ की जा रही है। वहीं इस घटना के महिला के पति का रो-रोकर बुरा हाल है।
हर्रैया पंडित गांव निवासी लालजी अपनी पत्नी पुनीता (32) और तीन नाबालिग बेटियों नंदिनी (12), नेहा (7) और अनु (4) के साथ करीब छह माह पूर्व मुम्बई गया था। वहां भिवंडी शहर के फेने गांव में किराए का कमरा लेकर रहता था। लालजी पॉवरलूम चलाता है। शुक्रवार को वह नाइट शिफ्ट में ड्यूटी पर गया था। ड्यूटी से छूटने के बाद शनिवार को सुबह कमरे पर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। लालजी ने आवाज लगाई लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। उसने खिड़की से कमरे के अंदर झांककर देखा तो चीख पड़ा।
कमरे के अंदर उसकी पत्नी और तीनों बेटियों का शव लटक रहा था। उसने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए। सूचना पुलिस को दी गई। मुंबई पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़वाकर चारों शवों को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सपने लेकर गई थीं मुंबई
ग्रामीणों का कहना है कि गांव से मुम्बई जाते समय नंदिनी, नेहा और अनु काफी खुश थीं। हम उम्र लड़कियों से उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की थी। कहा था कि वे बड़े शहर में पढ़ेंगी। वहां पढ़ लिखकर काबिल बनेंगी और जिंदगी में कुछ बड़ा करेंगी। बेटियों का कहना था कि वे बड़ी होकर माता-पिता का सहारा बनेंगी लेकिन सपनों की नगरी में उनकी जिंदगी के साथ जाने क्या हुआ कि सारे सपने बिखर गए। गांव में हर कोई इस परिवार के ऐसे अंजाम से दुखी है।