मेरठ के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान को सीएम योगी की मंजूरी, 93 प्रोजेक्ट पर 18000 करोड़ होंगे खर्च
प्रयागराज की तर्ज पर पश्चिमी यूपी के मेरठ के विकास के लिए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। 18000 करोड़ रुपए से मेरठ में 93 प्रोजेक्ट पर कार्य किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की तर्ज पर मेरठ के विकास के लिए हैकेथॉन 2.0 में प्रस्तुत किए गए इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान फॉर मेरठ (आईडीपी) को हरी झंडी दे दी है। सोमवार को मंडलायुक्त ह्रषिकेश भास्कर यशोद और मेडा के मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने सीएम आवास पर आईडीपी फॉर मेरठ का प्रजेंटेशन दिया। करीब डेढ़ घंटे चले प्रजेंटेशन में मुख्यमंत्री ने 18 हजार 200 करोड़ के प्रस्तावित 93 प्रोजेक्ट को गंभीरता से देखा। इन परियोजनाओं से मेरठ का कायाकल्प होगा। मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर बनाने को चरणबद्ध विकास रणनीति के तहत तैयार सभी प्रोजेक्ट को सीएम ने सहमति दी। योगी ने कहा कि मेरठ को खेल, शिक्षा, संस्कृति, व्यापार का प्रेरणादायी मॉडल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शहर की अतिक्रमण समस्या हल करने को जिला प्रशासन, प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वित कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान’ पर मुहर लगाने के दौरान कहा कि शहर को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त करते हुए बेहतर विकास किया जाए। बैठक में बताया गया शहर के विकास के लिए 93 परियोजनाओं पर 18 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से छह परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान’को लेकर तीन महीने से कवायद चल रही है। मार्च में मेरठ दौरे में मुख्यमंत्री ने प्रयागराज की तर्ज पर मेरठ के विकास की बात कही थी।
इसके बाद कमिश्नर डा.ह्रषिकेश भाष्कर यशोद की देखरेख में प्रशासन, नगर निगम, मेडा और अन्य विभागों ने मिलकर प्लान तैयार किया। कई स्तरों पर विमर्श के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन दिया गया। लखनऊ में शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। मेरठ डीएम डा.वीके सिंह, मेडा वीसी संजय कुमार मीना, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, एसएसपी विपिन ताडा आदि रहे।
खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का केंद्र बने मेरठ
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और राष्ट्रीय राजधानी से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है। इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाए।
मेरठ को बनाएं आभूषण निर्माण का हब
मुख्यमंत्री ने कहा, मेरठ में परंपरागत रूप से आभूषण निर्माण का काम होता है। मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए। कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, सुरक्षा संबंधी ढांचा उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने बैठक के अंत में हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से आमजन व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को शामिल किए जाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि मेरठ को प्रदेश के अन्य नगरों के लिए प्रेरक उदाहरण बनाकर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
20 साल आगे की सोच का है प्लान
जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार 2021 में मेरठ की आबादी लगभग 23 लाख थी, जो 2041 तक बढ़कर 33.52 लाख होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना को देखते हुए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करना अनिवार्य है। बैठक में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, इंटरनल रिंग रोड, स्मार्ट सड़कें जैसी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। संजय वन, सूरजकुंड और ऐतिहासिक स्थलों के सौंदर्यीकरण की परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण के साथ जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएंगी।
ये होंगे प्रमुख कार्य
●सड़क कनेक्टिविटी के लिए रिंग रोड, स्मार्ट रोड और इंटरसिटी संपर्क को मिलेगी प्राथमिकता
●स्वच्छता पर भी जोर, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण और नदियों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस प्रयास
●सीवर के लिए एसटीपी और ड्रेनेज के लिए प्राकृतिक प्रवाह व्यवस्था
●सीएम ग्रिड मेरठ योजना के अंतर्गत नगर की प्रमुख सड़कें स्मार्ट रोड में होंगी परिवर्तित
●पारंपरिक आभूषण उद्योग को संगठित कर ज्वेलरी हब निर्माण
●डिजिटल होर्डिंग लगाए जाने, पूरे नगर की सीसीटीवी कवरेज
●इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने
●दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, इंटरनल रिंग रोड, स्मार्ट सड़कें, जैसी योजनाओं का विस्तार
●संजय वन, सूरजकुंड, थीम पार्कों, तालाबों और ऐतिहासिक स्थलों का सौंदर्यीकरण
●52 किलोमीटर लंबी वेस्टर्न रिंग रोड और वेदव्यासपुरी से लोहियानगर तक इनर रिंग रोड को सुगम कनेक्टिविटी -अबू नाला प्रथम की पटरी पर प्रस्तावित इनर रिंग रोड, क्षेत्रीय संपर्क मार्ग, मेरठ–परिक्षितगढ़ मार्ग, दौराला–मसूरी, रोहटा और गढ़ रोड जैसे मार्गों के चौड़ीकरण