Colonel Sofia Qureshi A Pride of Bundelkhand and Heroine of Operation Sindoor कर्नल सोफिया कुरैशी की बहन बोली- एक बार में ही पाकिस्तान को मिटा दो, Jhansi Hindi News - Hindustan
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कर्नल सोफिया कुरैशी की बहन बोली- एक बार में ही पाकिस्तान को मिटा दो

Jhansi News - कर्नल सोफिया कुरैशी 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए जानी जाती हैं। झांसी में उनकी चचेरी बहन और हमीरपुर में मौसी रहती हैं। परिवार वाले टीवी पर सोफिया को देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं। 85 वर्षीय जन्नतुन खातून...

Newswrap हिन्दुस्तान, झांसीFri, 9 May 2025 01:19 AM
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कर्नल सोफिया कुरैशी की बहन बोली- एक बार में ही पाकिस्तान को मिटा दो

झांसी/हमीरपुर, हिटी। ‘ऑपरेशन सिंदूर से दुनियाभर को रूबरू कराने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का बुंदेलखंड से भी गहरा नाता है। झांसी में चचेरी बहन और हमीरपुर में मौसी रहती हैं। टीवी पर भारतीय जांबाजों के पराक्रम की गाथा बताते देख सभी फूले नहीं समाए। झांसी जिले के सदर बाजार स्थित भट्टागांव में रहने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी की चचेरी बहन शबाना ने हिन्दुस्तान टीम से बातचीत के दौरान कहा कि सोफिया को टीवी पर देख गर्व की अनुभूति हुई। उन्होंने कहा कि बार-बार एयर स्ट्राइक से अच्छा है कि एक ही बार में पाकिस्तान को मिटा दिया जाए। जिससे पहलगाम जैसी हिमाकत दोबारा न की जाए।

सोफिया के बचपन की यादें साझा करते हुए वह भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि सोफिया का परिवार नौगवां में रहता है। वह काफी छोटी थी तब यहां आती थी। ............................................... गोद में खेली सोफिया को टीवी पर देख निकल आए आंसू हमीरपुर की रहने वालीं 85 साल की जन्नतुन खातून टीवी पर अपनी गोद में खेली भांजी कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘ऑपेरशन सिंदूर की ब्रीफिंग करते देख भावुक हो गईं। वह बताती हैं कि उनकी बहन हलीमा के जुड़वां बेटियां हुई थीं। एक का नाम सोफिया और दूसरी का नाम सायना रखा। दोनों को उन्होंने अपनी गोद में खिलाया। अब काफी समय से सोनिया से बात नहीं हुई। बहन से बराबर संपर्क बना रहता है। सुख-दुख में भी आवाजाही होती रहती है। पढ़ने में होशियार थी सोफिया, शुरू से थी फौज में जाने की ललक शहर के किंगरोड में जन्नतुन के बेटे मोहम्मद अशरफ की कपड़े की दुकान है। इसी मकान की ऊपरी मंजिल में सोफिया की खाला (मौसी) जन्नतुन अपने बेटे-बहू रहनुमा शेख के साथ रहती हैं। हिन्दुस्तान टीम से बातचीत में उन्होंने बताया कि वह लोग मूलरूप से कानपुर नगर के थाना सजेती के लहुरीमऊ (कासिमपुर) गांव के रहने वाले हैं। सोफिया की मां हलीमा उससे काफी छोटी है। हलीमा की शादी छतरपुर नौगवां में हुई थी। सोफिया पढ़ने-लिखने में बहुत होशियार थी। उसके पिता ताज मोहम्मद भी फौज में थे। लिहाजा उसके अंदर भी फौज में जाने की ललक थी।

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