Rare Black and Spotted Deer in Kanpur Dehat Suffering Due to Lack of Protection and Resources तल्ख़ मौसम में भूख प्यास से बेहाल हो रहे दुर्लभ काले हिरण, Kanpur Hindi News - Hindustan
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तल्ख़ मौसम में भूख प्यास से बेहाल हो रहे दुर्लभ काले हिरण

Kanpur News - कानपुर देहात, संवाददाता। असालतगंज के जंगल में डेरा जमाए दुर्लभ प्रजाति के काले व

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरMon, 19 May 2025 08:32 AM
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तल्ख़ मौसम में भूख प्यास से बेहाल हो रहे दुर्लभ काले हिरण

कानपुर देहात, संवाददाता। असालतगंज के जंगल में डेरा जमाए दुर्लभ प्रजाति के काले व चित्तीदार हिरण गर्मी में भूख प्यास से बेहाल हैं। इन हिरणों के संरक्षण के लिए तैयार की गई कार्य योजना दो साल बाद भी फाइलों से बाहर नहीं आ सकी। इसे अभी तक शासन की हरी झंडी मिलने का इंतजार है। सुरक्षा की अनदेखी से यह दुर्लभ हिरण कुत्तों के हमले के साथ बेलगाम शिकारियो का भी निशाना बन रहे हैं।गर्मी में पानी व चारे की तलाश में निकलने वाले इन हिरणों को खतरा अधिक बढ़ जाता है । रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के असलतगंज का यह जंगल बिल्हौर - रसूलाबाद मार्ग के समानांतर 6 किमी लंबाई में 173 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है।इस

वन की 80 हेक्टेयर भूमि में विलायती बबूल खड़े है। जंगल में दुर्लभ काले व चित्तीदार 250 हिरणों का कुनबा डेरा जमाए हुए है। इन हिरणों को नर्म घास अधिक पसंद होती है, लेकिन गर्मी के मौसम में जंगल में इन हिरणों की पसंदीदा नर्म घास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।ऐसे में चारे व पानी की तलाश में निकलने वाले यह दुर्लभ हिरण जहां कुत्तों के हमले का भी शिकार हो जाते हैं। वहीं चारे पानी का समुचित इंतजाम नहीं होने तथा सुरक्षा की अनदेखी से जंगल में कुलाचें भरने वाले इन हिरणों को अक्सर शिकारी भी निशाना बनाते रहते हैं। गर्मी के मौसम में इन हिरणों के लिए खतरा और अधिक बढ़ जाता है। मौसम के अनुरूप रंग बदलता है यह दुर्लभ प्रजाति का हिरण भारतीय मृग के नाम से पहचान रखने वाले यह एन्टीलोप (चौसिंगा) मृग मौसम के अनुरूप रंग बदलते रहते हैं। बरसात के मौसम में इन हिरणों के शरीर का ऊपरी हिस्सा काले रंग का नजर आता है, जबकि निचले हिस्से में सफेद रंग पर काले रंग के धब्बे दिखते हैं। सर्दियों के मौसम में काला हिरण अपना रंग खोने लगते हैंऔर अप्रैल तक यह भूरे रंग के हो जाते हैं। हिरणवास स्थल सुधार व विकास को 1.37 करोड़ की योजना लंबित काला हिरण एक दुर्लभ प्रजाति है तथा संरक्षित वन्य जीव के अन्तर्गत आता है। जंगल में इनके लिए अनुकूल माहौल चारा, पेयजल की उपलब्धता के साथ ही सुरक्षा इंतजाम जरूरी हैं। इसके तहत वन अफसरों ने मुख्य वन संरक्षक की सहमति से हिरण वास स्थल के विकास, संरक्षण व सुरक्षा कार्य के लिए 1.37 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को प्रेषित की है, इसको दो साल से शासन की मंजूरी का इंतजार है। बोले जिम्मेदार- असालतगंज के कटीले बबूल के जंगल में स्वछंद होकर विचरण कर रहे इन दुर्लभ हिरणों के लिए शेल्टर देना संभव नहीं है।जंगल में इनको आश्रय देने वाले पेड़ सुरक्षित रहें,इसके लिए प्रयास किये जा रहे है। हिरण वास स्थल सुधार के लिए पानी की उपलब्धता के लिए तालाब बनाने, घास का मैदान विकसित करने, रिक्त स्थल पर हरियाली उगाने और चारा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। साथ ही शिकार प्रतिबंधित होने के बोर्ड भी लगाए गए हैं। -एके द्विवेदी, डीएफओ।

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