बोले मथुराः इंसाफ को लड़ने वाले नहीं कर पा रहे खुद की वकालत
Mathura News - बोले मथुरा-लोगों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता समस्याओं से परेशान हैं। काफी संख्या में अधिवक्ताओं के लिए परिसर में बैठने के लिए चैंबर की बेह

लोगों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता समस्याओं से परेशान हैं। काफी संख्या में अधिवक्ताओं के लिए परिसर में बैठने के लिए चैंबर की बेहतर व्यवस्था नहीं है। शौचालय और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पक्के चैंबर बनवाने के लिए भी बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं को संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल जितने चैंबर हैं, उससे कहीं ज्यादा अधिवक्ता हैं। ऐसे में जिन पर चैंबर नहीं हैं, वे परेशान रहते हैं। जिनके पक्के चैंबर नहीं हैं, उन्हें बारिश के मौसम में परेशानी ज्यादा झेलनी होती है, क्योंकि उस समय बारिश की फुहारें चैंबर को गीला कर देती हैं। यही नहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़ी परेशानी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जो नये वकील आते हैं, उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिये। जिससे उन्हें बेहतर तरीके से सीखने को मिल सके। उधर महिला अधिवक्ताओं के समक्ष भी परेशानी कम नहीं है। उनका कहना है कि करीब 200 महिला अधिवक्ता होने के बावजूद पिंक टॉयलेट नहीं है, जिससे महिला अधिवक्ताओं ही नहीं यहां आने वाली अन्य महिलाओं को भी परेशानी झेलनी पड़ती है।
अधिवक्ताओं ने बताया कि बार एसोसिएशन के रिकार्ड में करीब 3500 अधिवक्ता हैं, जिनमें करीब 200 महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। अधिवक्ता कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। बड़ी समस्या वाहन पार्किंग की है। कचहरी रोड पर सड़क के दोनों ओर अवैध वाहन पार्किंग संचालित होती है। इससे सड़क पर हर समय जाम के हालात बने रहते हैं। हालांकि पुलिस लाइन से कचहरी रोड पर आने वाले बड़े वाहनों को पुलिस द्वारा रोक दिया जाता है, इसके बावजूद यहां जाम की समस्या रहती है। ऐसे में अधिवक्ताओं को सड़क पार करते समय जान का खतरा बना रहता है। महिला अधिवक्ताओं के लिए पिंक टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है।
पुख्ता नहीं हैं सुरक्षा इंतजाम:अधिवक्ताओं ने परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि परिसर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। पूर्व में कई बार अधिवक्ताओं के चैंबर में चोरी, तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसे लेकर कई बार अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं।
परिसर में जगह-जगह गंदगी:अधिवक्ताओं में इस बात को लेकर भी भारी नाराजगी है कि परिसर में जगह-जगह गंदगी रहती है। इससे आने वाले फरियादियों को भी काफी परेशानी होती है। परिसर में अंदर और बाहर अनाधिकृत तरीके से वाहन खड़े कर दिये जाते हैं। अधिवक्ताओं को अपना वाहन खड़ा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क के दोनों ओर भी वाहन खड़े होने से जाम की स्थिति रहती है।
स्मार्ट मीटरों ने भी बढ़ाई परेशानियां:कलेक्ट्रेट परिसर में चौधरी चरन सिंह की प्रतिमा के निकट अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के विधायक श्रीकांत शर्मा ने अपनी निधि से आरओ प्लांट लगाया था। इस आरओ प्लांट का शुभारंभ 1 अक्तूबर 2022 को हुआ था। शुभारंभ के कुछ दिन बाद ही आरओ प्लाांट रख रखाव के अभाव में खराब हो गया। तब से आज तक ये खराब ही पड़ा है।
लोगों का ये है कहना
विधि व्यवसाय में कई प्रकार की परेशानियों का सामना अधिवक्ताओं को करना पड़ता है। चैंबर पर्याप्त नहीं हैं। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिये। जूनियर वकीलों के प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होनी चाहिये। परिसर में शौचालय और पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
-मनोज कुमार यादव, अधिवक्ता
परिसर में समस्याओं का अम्बार है। ज्यादातर अधिवक्ताओं के पास पक्के चैंबर नहीं हैं। अधिवक्ता लम्बे समय से चैंबरों की मांग कर रहे हैं। विधि व्यवसाय करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अधिवक्ताओं को अपना वाहन खड़ा करने के लिए जगह नहीं मिलती है।
-सुभाष कुमार सिंह अधिवक्ता
युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण देना आवश्यक है। पांच वर्ष तक युवा अधिवक्ताओं को बार की ओर से प्रशिक्षण दिए जाने क व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे युवा अधिवक्ता कानून की बारीकियों को बेहतर तरीके से सीख सकेंगे। साथ ही वह सीनियर जूनियर के बीच का भेद भी समझ सकेंगे।
-आशीष प्रताप गौतम, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। गर्मियों के मौसम में पीने के पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है। परिसर में लगा आरओ प्लांट लम्बे समय से बंद पड़ा है। सड़क के दोनों ओर अवैध पार्किंग से हर समय जाम के हालात बने रहते हैं। सड़क पर अवैध पार्किंग संचालित हो रही है।
-महेश शर्मा, अधिवक्ता
नगर निगम द्वारा अवैध पार्किंग संचालित कराई जा रही है। इससे सड़क पर हर समय जाम लगा रहता है। अधिवक्ताओं को न्यायालय जाने आने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूर्व में हाई कोर्ट द्वारा अवैध पार्किंग को बंद करा दिया गया था। फिर भी अवैध पार्किग चल रही है।
-सुरेश चंद अग्रवाल, अधिवक्ता
विधि व्यवसाय में हर वर्ष कई युवा अधिवक्ता जुड़ जाते हैं। उनके प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण वह सही तरीके से कानून की जानकारी नहीं ले पाते हैं। इसके साथ ही वह सीनियर जूनियर के अंतर को भी नहीं समझपाते हैं। युवा अधिवक्ताओं के लिए प्रशिक्षण केन्द्र होना चाहिए।
-प्रदीप गुप्ता, अधिवक्ता
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