Residents of Appu Enclave Welfare Society Struggle for Basic Amenities Despite MDA Approval बोले मेरठ : यहां सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की आस, सीवर लाइन बने, हो कॉलोनी का विकास, Meerut Hindi News - Hindustan
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बोले मेरठ : यहां सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की आस, सीवर लाइन बने, हो कॉलोनी का विकास

Meerut News - मेरठ की अप्पू एन्कलेव वेलफेयर सोसायटी, जो 20 साल पहले विकसित हुई थी, आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रही है। यहां के निवासी सीवर लाइन, साफ-सफाई और पार्कों की स्थिति को लेकर परेशान हैं। नगर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSat, 24 May 2025 11:50 AM
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बोले मेरठ : यहां सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की आस, सीवर लाइन बने, हो कॉलोनी का विकास

मेरठ। दिल्ली–देहरादून हाईवे के किनारे बसी अप्पू एन्कलेव वैलफेयर सोसायटी, कभी एक सुंदर और सुनियोजित आवासीय कॉलोनी के सपने के साथ विकसित की गई थी। करीब बीस साल पहले अस्तित्व में आई इस सोसायटी के अंदर आज 200 फ्लैट व मकान हैं, और यहां अच्छी खासी संख्या में लोग निवास करते हैं। यह सोसायटी एमडीए से स्वीकृत है, इसके बावजूद यहां के निवासी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिन्हें संबंधित विभाग से समाधान की दरकार है, और विकास की सीवर लाइन चाहते हैं। वर्ष 2002 के दौरान बनी अप्पू एन्कलेव सोसायटी में आज 200 से अधिक फ्लैट और मकान बने हुए हैं।

वहीं इस कॉलोनी में 800 से भी ज्यादा लोग निवास कर रहे हैं। यह सोसायटी एमडीए से एप्रूव्ड होने के बाद भी बुनियादी सुविधों से महरूम है। जहां रहने वाले लोग खुद ही कॉलोनी की देखरेख करते हैं, लेकिन आज भी विभागों से सुधार की मंशा रखते हुए इंतजार में बैठे हैं, कि कोई आएगा और इस कॉलोनी का उद्धार करेगा। हिन्दुस्तान बोले मेरठ टीम ने अप्पू एन्कलेव वेलफेयर सोसाइटी के लोगों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। सोसाइटी के लोग कहते हैं कि अप्पू एन्कलेव के निवासी एक समय बेहतर जीवन की आशा लेकर यहां बसे थे। लेकिन आज यह इलाका बुनियादी सुविधाओं के अभाव में एक उपेक्षित क्षेत्र की तस्वीर पेश कर रहा है। लोगों का सबसे बड़ा दर्द है, सीवर लाइन का न होना। पूरे क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। बरसात के मौसम में यह कॉलोनी तालाब बन जाती है, चारों ओर पानी भर जाता है, और पार्कों में कई–कई दिन पानी जमा रहता है। इन हालातों ने न सिर्फ लोगों का जीना दूभर कर दिया है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ा दिया है। जिसका समाधान किसी भी स्तर पर होना आवश्यक है। सोसाइटी में गंदे पानी की निकासी का प्रबंध नहीं अप्पू एन्कलेव वेलफेयर सोसाइटी में रहने वाली रूपा, सुचित्रा, निर्मला, कुसुम गिरी और उर्मिला नालियों की दुर्दशा दिखाते हुए कहती हैं कि पूरी कॉलोनी में कहीं भी सीवर लाइन नहीं है। नालियों में ही लोगों के घरों का पानी बहता है। इन नालियों का कनेक्शन बाहर बहते हुए नाले में किया गया था, लेकिन आजकल रैपिड के काम की वजह से वह भी आगे जाकर बंद हो गया। जब नाले की ही निकासी नहीं है तो नालियों का पानी कब तक वह झेलेगा। बरसात में नाले का बुरा हाल हो जाता है, पूरी सोसाइटी में उल्टा पानी बहने लगता है। गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। कई बार सीवर लाइन के लिए एमडीए से गुहार लगाई जा चुकी है, इसके बाद भी समाधान नहीं हो रहा। सीवर लाइन डल जाए तो राहत मिले कॉलोनी में रहने वाले राजू, मनीषा सिंह, आरती गिरी, राज शर्मा, श्याम सुंदर शर्मा और नरेंद्र कुमार शर्मा कहते हैं कि सभी लोगों ने अपने घरों के बाहर सेफ्टी टैंक बनवा रखे हैं। कुछ ने घरों के अंदर ही बनवाए हुए हैं, इनसे निकलने वाला गंदा पानी नालियों में बहता है और कई बार निकासी नहीं होने के कारण सड़कों पर भर जाता है। अगर पूरी कॉलोनी में सीवर लाइन डल जाए तो लोगों को गंदे पानी की निकासी का सहारा लग जाए। साथ ही गंदगी और बदबू से भी छुटकारा मिल जाए। इसके साथ ही नाले की सफाई कराकर उसका लिंक जल्द बड़े नाले से किया जाए, ताकि गंदा पानी एक जगह ना ठहरे। जिससे मच्छर और संक्रमण का खतरा दूर रहे। खाली जगह बनीं गंदगी का अड्डा सोसाइटी के लोग हरवीर सिंह, वियज कुमार गिरी, नरेंद्र राठी, डॉ. डीबी सिंह खाली प्लॉटों में गंदगी का अंबार दिखाते हैं और कहते हैं कि यहां कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम के लोग नहीं आते हैं। ऐसे में सोसाइटी के अंदर मौजूद खाली जगह कूड़े के ढेर और जलभराव का केंद्र बन चुकी हैं। यहां न तो नगर निगम की सफाई व्यवस्था है, न ही एमडीए का कोई हस्तक्षेप। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की, आवेदन पत्र दिए, जनप्रतिनिधियों से मिलें, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था हो जाए और साफ सफाई की देखरेख हो तो सासाइटी के लोगों को राहत मिल जाए। सोसाइटी में पार्कों की व्यवस्था खराब सोसाइटी के अध्यक्ष कवि सुमनेश सुमन, सोसाइटी के निवासी तुषार तोमर, सुनीता राठी और सुनीता उज्जवल का कहना है, कि यहां पांच पार्क मौजूद हैं। इनमें से एक भी पार्क की स्थिति ठीक नहीं है, जिनकी फेंसिंग क्षतिग्रस्त हो गई हैं और उनमें से सरिया बाहर आ गई हैं। बच्चों के खेलने कूदने के दौरान डर बना रहता है कि कहीं लग ना जाए। वहीं पार्कों में फैली गंदगी को सोसाइटी के लोग ही साफ कराते हैं, नगर निगम वाले केवल यहां हाउस टैक्स वसूलते हैं। इस संबंध में मेयर हरिकांत अहलूवालिया को सुधार के लिए लिखा गया है। उनसे पार्कों के विकास की मांग की गई है, ताकि वह घूमने फिरने लायक बनें। सोसाइटी के लोगों की गुजारिश अप्पू एन्कलेव के लोगों का कहना है, कि उनकी उम्मीदें अभी बाकी हैं। वे चाहते हैं कि स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग हमारी आवाज सुनें। सोसाइटी में सीवर लाइन जल्द से जल्द डाली जाए, साथ ही हाईवे किनारे और कॉलोनी के एंट्री गेट के पास से गुजरने वाला नाला साफ कराया जाए। सोसाइटी में मौजूद पार्कों की मरम्मत हो और कॉलोनी को वो सभी बुनियादी सुविधाएं मिलें, जिसकी एक एमडीए एप्रूव्ड कॉलोनी को कानूनी अधिकार है। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि यह सिर्फ अप्पू एन्कलेव की कहानी नहीं है, यह हर उस आम नागरिक की कहानी है, जो एक बेहतर जीवन की उम्मीद लिए एक कॉलोनी में बसता है, और फिर सिस्टम की बेरुखी से जूझता रहता है। पानी की सप्लाई की जिम्मेदारी ले नगर निगम सोसाइटी में लोगों ने बातचीत के दौरान बताया कि यहां पानी की टंकी है, इसका जिम्मा नगर निगम या एमडीए दोनों में से कोई भी नहीं लेता है। यहां प्राइवेट व्यक्ति को पानी की टंकी चलाने और उसको बंद करने के लिए रखा हुआ है। आजतक यह कॉलोनी नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हो पाई है। ऐसे में पानी की टंकी का संचालन भी सरकारी विभाग के पास नहीं है। अगर इसका जिम्मा नगर निगम ले तो कॉलोनी के लोगों को पानी के बिल देने में भी राहत मिलेगी। साथ ही इसकी देखरेख भी सरकारी हाथों में चली जाएगी। बिल्डर के खेल से परेशान लोग कॉलोनी के लोगों का कहना है कि आए दिन कॉलोनी में मकानों और फ्लैट्स को लेकर समस्या होती रहती है। यहां कई बार फ्लैट और प्लॉट्स के मालिकाना हक को लेकर बवाल हो चुका है। एक मकान और फ्लैट कई लोगों को बेचे गए, उनकी रजिस्ट्री भी कराई जा चुकी हैं, इसके बाद जब कोई कब्जा लेने आता है तो झगड़ा होता है। जिससे अन्य मकान मालिकों में भी भय पैदा होता है। संबंधित विभाग और प्रशासन को कॉलोनी के विवादित मकानों की जांच कराकर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। जहां कई जमीनों व फ्लैटों को एक से अधिक बार बेचा गया, और उसके बाद वह कभी पलटकर नहीं आया। समस्या - एमडीए एप्रूव्ड होने के बाद भी बुनियादी सुविधाएं नहीं - सोसाइटी में सीवर लाइन नहीं होने से होती है दिक्कतें - साफ-सफाई की कोई व्यवस्था पूरी कॉलोनी में नहीं है - गंदे पानी की निकासी का साधन प्रॉपर कहीं नहीं है - पार्कों की हालत खराब है, बच्चों को लेकर डर रहता है सुझाव - एमडीए एप्रूव्ड वाली सभी बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिएं - अप्पू एन्कलेव कॉलोनी में सीवर लाइन डाली जानी चाहिए - नगर निगम इस कॉलोनी की साफ-सफाई की व्यवस्था देखे - नाले की सफाई हो, गंदे पानी की निकासी का समाधान हो - पार्कों की हालत सुधारी जानी चाहिएं, फेंसिंग की मरम्मत हो लोग बोले सोसाइटी में रहने वाले लोगों की संख्या अच्छी खासी है, एमडीए एप्रूव्ड कॉलोनी के बावजूद बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। - रूपा कई बार लोग खुद को ठगा सा महसूस करते हैं, जहां गंदे पानी की निकासी का साधन ही ठप है, नालियों की निकासी नहीं है। - सुचित्रा सोसाइटी में कूड़ा उठाकर ले जाने के लिए कोई नहीं आता है, ऐसे में खाली जगह को लोगों ने गंदगी का ठिकाना बना दिया है। - निर्मला सोसाइटी के लोग खुद ही यहां सुविधाएं बनाने में लगे रहते हैं, विभागों में शिकायत करते-करते लोग परेशान हो चुके हैं। - कुसुम गिरी किसी तरह कॉलोनी में सड़क बनी, लेकिन गंदगी और गंदे पानी की निकासी का साधन नहीं होने से आज भी पूरी कॉलोनी परेशान है। - उर्मिला कॉलोनी के सभी लोग नगर निगम को गृहकर देते हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर किसी भी व्यक्ति को कुछ नहीं मिलता। - राजू अप्पू एन्कलेव बनाकर बिल्डर फिर यहां देखने नहीं आया, लेकिन वह खाली जमीन पर खेल करता रहता है, जिससे लोग परेशान हैं। - मनीषा सिंह पूरी कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं है, जबकि एमडीए एप्रूव्ड कॉलोनी के अंदर सबसे पहला काम ही सीवर लाइन डालना होता है। - आरती गिरी सोसाइटी में पिछले बीस साल के अंदर सीवर लाइन नहीं डाली गई, ऐसे में नालियों के गंदे पानी की निकासी का कोई साधन नहीं है। - राज वर्मा सोसायटी के बाहर नाला तो है, लेकिन वह भी पूरी तरह चोक हो गया है, उस नाले की खुद की निकासी आगे जाकर बंद पड़ी है। - श्याम सुंदर शर्मा बरसात के मौसम में तो कॉलोनी तालाब बन जाती है, कई दिनों तक पार्कों में पानी भरा रहता है, जिसमें मच्छर पनप जाते है। - नरेंद्र कुमार शर्मा कॉलोनी में पार्को की हालत भी जर्जर हो गई है, दीवारें लगभग क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिनका निर्माण और मरम्मत होनी चाहिए। - हरवीर सिंह सोसाइटी में सरकारी पानी की टंकी भी नहीं है, बिल्डर द्वारा बनाई गई पानी की टंकी की देखरेख का जिम्मा भी यहां के लोगों का है। - विजय कुमार गिरी नगर निगम या एमडीए यहां कोई सुध नहीं लेता, कई बार शिकायत पत्र भी दिया जा चुका है, जिसकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई। - नरेंद्र राठी किसी तरह विधायक और सांसद से विनती करके सड़क तो बनवा ली, लेकिन कई मामलों में अभी भी कॉलोनी सुधार बाकी है। - डॉ. डीबी सिंह एक भी पार्क की स्थिति ठीक नहीं है, जिनकी फेंसिंग टूट गई हैं और उनमें से सरिया बाहर आ रहे हैं, बच्चों को लेकर डर बना रहता है। - तुषार तोमर पूरी कॉलोनी में पहले तो सीवर लाइन बिछनी चाहिए, क्योंकि नालियों के गंदे पानी की निकासी नहीं है, इससे दिक्कतें होती हैं। - सुनीता राठी बरसात के मौसम में कॉलोनी तालाब बन जाती है, बाहर नाले का पानी भी कॉलोनी में आ जाता है, जिससे संक्रमण का डर रहता है। - सुनीता उज्जवल सोसाइटी में मौजूद पार्कों की हालत खराब है, यहां लोगों को वे सभी बुनियादी सुविधाएं मिलें, जिसकी एक एमडीए एप्रूव्ड कॉलोनी को कानूनी अधिकार है। - सुमनेश सुमन, अध्यक्ष, एईआरडब्ल्यूए ------------------------------------

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