Traditional Dhobi Community Struggles as Wash Ghats Disappear बोले मुजफ्फरनगर : धोबी समाज को चाहिए सुविधाओं का घाट, Muzaffar-nagar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsMuzaffar-nagar NewsTraditional Dhobi Community Struggles as Wash Ghats Disappear

बोले मुजफ्फरनगर : धोबी समाज को चाहिए सुविधाओं का घाट

Muzaffar-nagar News - बोले मुजफ्फरनगर.... धोबी समाज को चाहिए सुविधाओं का घाट

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरThu, 10 April 2025 11:01 PM
share Share
Follow Us on
बोले मुजफ्फरनगर : धोबी समाज को चाहिए सुविधाओं का घाट

धोबी समाज का परंपरागत काम कपड़े धोना और प्रेस करने के कार्य से जुड़ा हुआ है। लेकिन अंग्रेजों के शासन काल से कपड़ों की धुलाई के लिए नदी और तालाबों के किनारे बने धोबी घाट विलुप्त होते जा रहे हैं। अधिकांश तालाबों पर अतिक्रमण के कारण घाटों का अस्तित्व खत्म हो चुका है। जिस कारण धोबी समाज का परंपरागत काम चौपट होता जा रहा है। जिले में लगभग 20 हजार की आबादी वाला धोबी समाज बढ़ती टेक्नोलॉजी के दौर के साथ ही समाज की आर्थिक, सामाजिक स्थिति में सुधार के बावजूद भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। धोबी समाज को मूलभूत सुविधाओं के साथ ही सरकार की तरफ से घाट आवंटित किए जाने की अपेक्षा है। जानकारी के अभाव में सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के साथ ही मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

-------------

-- खत्म हो रहे घाटों के कारण दम तोड़ रहा कारोबार

मैले-कुचैले कपड़ों को अपने हाथों से चमक देने वाले धोबी समाज के लोगों को अपनी जिंदगी में उजाले का इंतजार है। लेकिन नदी और तालाबों पर अवैध अतिक्रमण के कारण कपड़े धोना मुश्किल हो गया है। नदी और तालाबों किनारे बने घाट खत्म होने के कारण धोबी समाज के लोगों को अपने मूल काम के स्थान पर जिंदगी बसर करने के लिए अन्य कामों का सहारा लेना पड़ रहा है। बिजेंद्र सिंह ने बताया की सुविधाओं न मिलने और घाटों पर किए गए अतिक्रमण और कपड़े धुलाई के काम में अन्य समाज के लोगों का हस्तक्षेप के कारण धोबी समाज के लोग अन्य धंधों में जाने लगे है, लेकिन मुख्य काम कपड़ों की धुलाई का है। परंपरागत व्यवसाय के सरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। मुजफ्फरनगर में बरसों पुराने धोबी घाटों का जल्द जीर्णोद्धार हो सके, इसके लिए प्रशासन को कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। जिससे उनकी रोजी-रोटी से जुड़े पैतृक काम को उड़ान मिल सके।

धोबी समाज के लोग कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सस्ती दरों पर ऋण और भत्तों का लाभ चाहते है। वहीं धोबी समाज की युवा पीढ़ी जानकारी न होने के चलते धीरे धीरे परंपरागत काम से विलग होती जा रही है। जिसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण की आवश्यकता है, जिससे परंपरागत कारोबार एक बार फिर पटरी पर आ सके। कारोबार ठप होने के कारण धोबी समाज वर्तमान दौर में मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के साथ ही परिवार का भरण पोषण करने में भी कठिनाइयों से दो चार हो रहा है।

-------------

-- नदियों में बह रहे दूषित जल से कारोबार हो रहा प्रभावित

कपड़े धोने वाले पारंपरिक काम को गति देने के लिए धोबी समाज को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। घाटों की बदहाल स्थिति और नदियों में गंदे पानी की वजह से कारोबार मंदी से जूझ रहा है। नदी के दूषित जल से कारोबार प्रभावित हो रहा है। क्योंकि दूषित पानी से कपड़े धोने में कठनाई के साथ-साथ इनकी आजीविका पर भी बुरा असर पड़ रहा है। सुविधाएं न मिलने के कारण युवा पीढ़ी परंपरागत काम से किनारा करने लगी है। सरकार की तरफ से धोबी समाज के लिए नदी व तालाबों पर पट्टे आवंटित करने के साथ ही कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए तो,धोबी समाज का कारोबार फिर से अपना मूल स्वरूप ले सकता है।

--------------

-- धोबी समाज को पुश्तैनी काम के लिए प्रशिक्षण और कम दरों पर ऋण की दरकार

धोबी समाज के लिए पुश्तैनी काम को बचाना किसी चुनौती से कम नही है। वर्तमान समय में कपड़े धोने के लिए आधुनिक मशीनों की आवश्यकता बढ़ गई है। जिसके लिए समाज को सरकार की तरफ से कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराए जाने की दरकार है। जिससे पारंपरिक तरीकों से काम करने वाले धोबी समाज को आर्थिक रूप से सशक्त्त बनने में मदद मिल सके, और आसानी से उनका काम पटरी पर लौट सके।

--------------

-- युवाओं को शैक्षिक संस्थानो में प्राथमिकता के साथ एडमिशन की दरकार

पुस्तैनी काम में सुविधाएं न मिलने के कारण युवा पीढ़ी कपड़े धोने के काम से दूरी बना रही है। युवा अंकित का कहना है की पारंपरिक काम में सुविधाएं न मिलने के कारण आमदनी नही हो पाती है, युवाओं को पढ़े लिखे न होने के कारण बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार को शिक्षा निति में धोबी समाज के लिए उचित निर्णय लेने चाहिए। शैक्षिक संस्थानो में प्राथमिकता के साथ एडमिशन में छूट की दी जानी चाहिए। जिससे समाज का युवा वर्ग पढ़ा-लिखा होने के साथ ही आत्मनिर्भर हो सके।

--------------

--समय से मिले पेंशन लाभ तो हालात हों बेहतर

धोबी समाज के ही तपेसिंह का कहना है की पुस्तैनी काम कपड़े धोने का होता है। लेकिन बुर्जुग अवस्था में जाने के बाद अन्य कोई गुजर-बसर करने का साधन नही होता है। सरकार से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन के सहारे ही जीवन यापन करना पड़ना है। लेकिन कई बार समय से पेंशन नही आने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार महिनों तक पेंशन नही आने के कारण समाज कल्याण विभाग कार्यलय के चक्कर काटने पड़ते है।

--------------

---सुझाव और शिकायतें---

-शिकायते

1. नदी और तालाबों पर बने घाट अवैध अतिक्रमण का शिकार हो चुके है। जिससे धोबी समाज अन्य कार्यो में रूचि लेने लगा है।

2. सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं की जानकारी न मिलने के कारण लाभ से वंचित रहना पड़ता है।

3. नदी में बह रहे दूषित जल के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है। कपड़े धोने के लिए कोई अन्य उचित स्थान नही है।

4. पुश्तैनी काम को बढ़ावा देने के लिए बैंको द्वारा कम दरों पर ऋण उपलब्ध नही कराया जाता है।

-सुझाव

1. सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ समाज को मिल सके, इसके लिए प्रशासन को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

2. नदी और तालाब किनारें नए घाटों का निर्माण कराने के लिए प्रशासन को कार्य योजना तैयार करनी चाहिए।

3. धोबी समाज के पुश्तैनी काम को बढ़ावा देने के लिए बैंको द्वारा कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

4. प्रशासन की तरफ धोबी समाज के काम को बढ़ावा मिले,इसके लिए घाटों पर हो रहा अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।

--------------

--- इन्होंने कहा

विभाग के स्तर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रावृत्ति प्रमुखता के साथ दी जा रही है। मुख्यमंत्री अभ्योदय योजना के तहत युवाओं को विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी नि:शुल्क कराई जा रही है। धोबी समाज को वृद्धावस्था पेंशन प्रमुखता के साथ देने का काम किया जा रहा है।

विनित कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी मुजफ्फरनगर

-----------

धोबी समाज का दर्द

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का जानकारी के अभाव में लाभ नहीं मिल पाता है। युवा वर्ग को शैक्षिक संस्थानों में प्राथमिकता के साथ एडमिशन दिए जाने चाहिए।

अंकित

-----------

नदी और तालाबों पर बने घाट अतिक्रमण के कारण खत्म हो चुके है। जिस कारण धोबी समाज अन्य कार्य करने को मजबूर हो रहा है।

विपिन

-----------

नदी में बह रहे दूषित जल के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है। कपड़े धोने के लिए अन्य किसी उचित स्थान की व्यवस्था नहीं होने के कारण काफी परेशानी होती है।

कृष्ण

-----------

धोबी समाज के पुस्तक काम को बढ़ावा दिए जाने के लिए सरकार को समाज हित में निर्णय लेने चाहिए। बैंकों द्वारा कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

तपेसिंह

-----------

कपड़े धोना धोबी समाज का पारंपरिक कार्य है, लेकिन घाट पर हो रहे अतिक्रमण के कारण कारोबार खत्म होने की कगार पर है।

राजीव

-----------

समाज के युवाओं को शिक्षा में प्राथमिकता के साथ आरक्षण दिया जाना चाहिए। जिससे समाज के युवा आर्थिक रूप से प्रगति कर सके।

लोकेश

-----------

सुविधा न मिलने के कारण धोबी समाज के युवा पुश्तैनी काम से किनारा कर रहे हैं। नदी और तालाबों पर घाट के लिए प्रशासन को पट्टे आवंटित करने चाहिए।

बिजेंद्र सिंह

-----------

समाज के बुजुर्गों को प्राथमिकता के साथ पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। जिससे वृद्धावस्था ने जाने के बाद सरलता से जीवन यापन किया जा सके।

शेरपाल

-----------

कपड़े धोने के पारंपरिक काम को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। जिससे पुस्तक कारोबार से जुड़ सके।

योगेन्द्र कुमार

-----------

धोबी समाज के परंपरागत व्यवसाय को कायम रखने के लिए सरकार को समाज हित में उचित निर्णय लेना चाहिए।

समेसिंह

-----------

नदी और तालाब किनारे बने घाटो का अस्तित्व खत्म हो चुका है। जिस कारण धोबी समाज अपने पारंपरिक कम से दूर होता जा रहा है।

विनोद

-----------

कपड़े धोने के पारंपरिक काम में अन्य समाज के लोगों का हस्तक्षेप होने के कारण प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

नरेंद्र

-----------

नदी और तालाबों पर घाटो का अस्तित्व खत्म होने के बाद कपड़े धोने के लिए आधुनिक मशीनों का चलन अधिक बढ़ गया है।

पारुल

-----------

समाज के युवाओं को शिक्षा विशेष छूट दी जानी चाहिए। जिससे समाज के युवा शिक्षित होने के साथ ही आत्मनिर्भर बन सके।

मंजू

-----------

नई पीढ़ी पुस्तैनी काम से दूरी बनाती जा रही है। परंपरागत काम को बढ़ावा देने के लिए सरकार को समाज हित में निर्णय लेने चाहिए।

नीता

-----------

युवाओं को शैक्षिक संस्थानों में प्राथमिकता के साथ एडमिशन में छूट दी जानी चाहिए। जिससे युवा पीढ़ी समाज को सशक्त बना सके।

प्रियंका

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।