Allahabad High Court Directs Technical Training for Police to Combat Cyber Crimes अपराध विवेचना, चार्जशीट या रिपोर्ट देने में पुलिस की जवाबदेही तय, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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अपराध विवेचना, चार्जशीट या रिपोर्ट देने में पुलिस की जवाबदेही तय

Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साइबर अपराधों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए अपराध विवेचना पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विवेचना अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चार्जशीट या पुलिस...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSat, 24 May 2025 04:56 AM
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अपराध विवेचना, चार्जशीट या रिपोर्ट देने में पुलिस की जवाबदेही तय

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बढ़ते साइबर अपराध व डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करने की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रदेश की अपराध विवेचना पुलिस को तकनीकी प्रशिक्षण देने का निर्देश दिए हैं। कहा है कि सभी विवेचना अधिकारी चार्जशीट या पुलिस रिपोर्ट पेश करने से पहले, डीजीपी के 19 फरवरी 2018 के जारी सर्कुलर और कोर्ट के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। कोर्ट ने पहली बार कठोर कदम उठाते हुए विवेचना अधिकारी से लेकर जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारियों की चार्जशीट या पुलिस रिपोर्ट पेश करने में लापरवाही बरतने की जवाबदेही तय की है और सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पुलिस रिपोर्ट में निर्देशों का पालन न करने की संबंधित अनुशासनिक अधिकारियों को सूचित करें ताकि लापरवाही के लिए ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की जा सके।

यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने सुभाष चन्द्र व छह अन्य के खिलाफ चल रहे आपराधिक केस कार्यवाही को रद करते हुए दिया है। इस मामले में 18 दिन में विवेचना कर पुलिस रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले के निर्देश 33.5 व 33.8 का पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि इनका पालन किए बगैर यदि पुलिस रिपोर्ट या चार्जशीट दाखिल की जाती है तो सक्षम न्यायिक अधिकारी पुलिस कमिश्नर, एसएसपी/एसपी को तुरंत सूचित करें और विवेचना अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश जारी करें। कोर्ट ने कहा यदि निर्देश 33.6 का विवेचना अधिकारी व पुलिस कमिश्नर, एसएसपी /एसपी द्वारा पालन नहीं किया जाता तो संबंधित न्यायिक अधिकारी तुरंत अपर मुख्य सचिव गृह व डीजीपी को कार्यवाही के लिए सूचना भेजें। कोर्ट ने कहा उम्रकैद की सजा वाले अपराध की विवेचना पूरी होने व चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट पेश करने से पहले अभियोजन अधिकारी को पुनर्विलोकन के लिए नहीं भेजी गई तो इस लापरवाही की प्राथमिकता जवाबदेही एसएचओ की होगी। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर/एसएसपी/एसपी को निर्देश दिया है कि 19 फरवरी 2018 के सर्कुलर के अनुपालन की मासिक रिपोर्ट तैयार कर डीजीपी उप्र व महानिदेशक अभियोजन को भेजनी होगी। कोर्ट ने गृह विभाग,डी जी पी व महानिदेशक अभियोजन को नये सिरे से सर्कुलर जारी करने का भी निर्देश दिया है।

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