नम आंखों से ओलंपियन बेटी को दी आखिरी विदाई
Prayagraj News - झूंसी के नीबी गांव निवासी 22 वर्षीय एथलीट सविता पाल का शव शुक्रवार को घर पहुंचा। सविता ने टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह 3 मई को रोहतक में एक सड़क हादसे में घायल हुई थी और 7 मई को...
झूंसी, हिन्दुस्तान संवाद। टोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रयागराज की होनहार बेटी एथलीट सविता पाल का शव शुक्रवार सुबह झूंसी के नीबी गांव स्थित घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। भारी संख्या में स्थानीय लोग सविता के दरवाजे पर पहुंच गए और सभी के आंसू छलक पड़े। सविता के पार्थिव शरीर को गांव के ही गंगा घाट पर दफन कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीयों लोगों के साथ खिलाड़ी, समाजसेवी व जन प्रतिनिधि मौजूद रहे। झूंसी के नीबी गांव पाल बस्ती निवासी फूलचंद पाल पशुपालक हैं, उनके चार बच्चों में सविता तीसरे नंबर पर थी।
22 वर्षीय सविता राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में रेलवे का प्रतिनिधित्व करती थीं और प्रशिक्षण के लिए रोहतक गई थीं जहां तीन मई को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। वहीं पर इलाज के दौरान 7 मई को सविता की सांस टूट गई। होनहार बेटी की मौत की खबर गांव पहुंची तो मातम छा गया। सविता के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। मां फोटो देवी के साथ पिता, भाई रो-रोकर बेसुध हो गए थे। भाई सुरेंद्र पाल ने बताया कि सविता की बचपन से ही खेल में रुचि थी, उसने स्कूल के दौरान कई मेडल प्राप्त किए थे।
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