मोहल्लों की सड़कें हुईं बदहाल, चलना हुआ मुश्किल
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद शहर की सड़कों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। बरसात के बाद से सड़कों का सुधार नहीं हुआ है, जिसके चलते नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन की...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद शहर के मोहल्लों की सड़कें पूरी तरीके से बेजार हो गई हैं। शहर का कोई भी मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां गाड़ियां आसानी से चली जाएं और हिचकोले ना खाएं। इसका परिणाम है कि राहगीरों को कदम-कदम पर दुश्वारियां का सामना करना पड़ता है। बरसात के बाद से बदहाल हुई सड़कों की हालत अभी तक नहीं सुधर पाई है। बरसात का सीजन शुरू होने में दो माह शेष बचे हैं। इन समस्याओं से निपटने में स्थानीय नागरिक चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं इस बारे में नगर पालिका से लेकर जिलाधिकारी तक शिकायत का पुलिंदा दौड़ता है। लेकिन कार्रवाई शून्य नजर आती है।
संतकबीरनगर जिला मुख्यालय बनाने से दो दशक पहले से ही खलीलाबाद नगर पालिका अपने अस्तित्व में है। जिला बनने के पहले कभी यह बस्ती जिले का सर्वाधिक राजस्व देने वाला नगर था। पर आज की तारीख में यह नगर अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रहा है। शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए जितनी भी कवायदें की गई वह अब तक कागजी ही साबित हुईं। नेताओं के वायदे भी चुनावी दावे साबित हुए। चुनाव के दौरान दावेदारों ने बड़े-बड़े वायदे किए जाते हैं पर वह कभी पूरे नहीं हुए। वर्तमान अध्यक्ष ने भी शहर की जनता को बेहतरीन सड़कों का सब्जबाग दिखाते हैं लेकिन यह सड़कें कब बनेंगी यह कोई स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहा है।
शहर का विधियानी रोड हो या फिर बंजरिया मोहल्ले की सड़कें हों, सबका हाल एक जैसा है। शहर के विस्तारीकण के बाद जुड़े मोहल्लों के सड़कों की हालत लगभग वैसी है। सरौली और मोहद्दीनपुर मोहल्ले की सड़कें उखड़ी हुई हैं। नेदुला से कलक्ट्रेट जाने वाली सड़क तो सधर गई है। पर एआरटीओ कार्यालय से पठखौली जाने वाली सड़क बदहाल है। वाहनों से चलने पर हिचकोले लगते रहते हैं। सड़कों को लेकर जनता पूरी तरह से परेशान है। जनता भी नेताओं के घर का चक्कर लगाकर थक रही है लेकिन सड़कों का मरम्मत नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदारों की खामोशी हालत को और बेहाल बना रही है।
ओवरलोड वाहनों से टूट रही हैं सड़कें
शहर में रेलवे स्टेशन पर ही मालगोदाम स्थापित है। मालगोदाम प्लेटफार्म के उत्तर की दिशा में है। सप्ताह में कम से कम तीन से चार मालगाड़ियों का रैक लग जाता है। इनसे उतरने वाला माल शहर के गोदामों और जिले के अन्य भागों में भेजा दिया जाता है। रेलवे माल गोदामा से बड़ा राजस्व सरकार को मिलता है। विसंगति यह है कि माल गोदाम वाला प्लेटफार्म भले ही स्टेशन के उत्तर की ओर है, लेकिन काफी मात्रा में माल की सप्लाई दक्षिण की ओर से होती है।
इसकी वजह से रेलवे स्टेशन के मालगोदाम से निकलने वाले ट्रक तितौवा, स्टेशनपुरवा, विधयानी होते हुए खलीलाबाद मुखलिसपुर मार्ग पर जाकर निकल जाता है। इसी रास्तों से ट्रकों का आना-जाना लगा रहता है। ओवरलोड ट्रकों के चलने से सड़कें पूरी तरह से टूट जाती हैं। यही नहीं दिन में इस रोड से होकर बालू, गिट्टी, मोरंग लदे भारी वाहन इसी मार्ग से होकर आते-जाते हैं। इसके चलते यह सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
किनारे लोड वाहन जाते ही धंस जाती नाली
शहर के तितौवा से होकर विधियानी जाने वाली सड़क संकरी है। इस वजह से इस रोड से एक बार में एक ही गाड़ी आसानी से आ जा सकती है, लेकिन जैसे की कोई वाहन आमने से अता है तो ट्रक किनारे की ओर चला जाता है। इसकी वजह से नालियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्थानीय प्रशासन जब तक माल गोदाम को शहर से बाहर कहीं स्थापित नहीं करवाता है तब तक सड़कों का व्यवस्थित रहना बेमानी साबित होगा। इस बारे में सभासद से लेकर चेयरमैन तक जानते हैं, फिर भी इस दिशा में ठोस कदम अब तक नहीं उठाए हैं।
मानक को भी पूरा नहीं करते ठेकेदार
सड़क निर्माण होने से पहले ठेकेदारों से कमीशन तय हो जाता है। बाबू से लेकर अधिकारी तक का हिस्सा तय हो जाता है। और तो और ठेका उसी को मिलता है जो कमीशन पहले भुगतान कर दे। यही कारण है कि सड़क और नाली बनने के बाद टूटने लगती है। इस बारे में सभी जानते हैं। पेट्रोल पंपों पर और निजी तौर पर जितना भी इंटरलाकिंग के कार्य कराए जाते हैं वह दस वर्ष तक नहीं उखड़ते हैं। पर पालिका का ठेकेदार जैसे ही सड़क का निर्माण कराता है वैसे ही वह टूटने लगता है। इस में जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक सब जानते हैं। पर इस दिशा में कोई ठोस कार्य न होने से सड़कें दुरुस्त नहीं रह पाती हैं।
विधियानी मार्ग का चौड़ीकरण का कार्य लटका
शहर के यातायात को सुगम बनाने के लिए धनघटा रोड से विधियानी होकर आने वाले मार्ग का चौड़ीकरण कराने का प्रस्ताव हुआ था। इस पर मुहर भी लग गई थी। इसे लगभग साल भर होने जा रहा है। लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं दिख रही है। जबकि दिन के समय यह बाईपास का काम करता है। इस सड़क की हालत सुधर जाए तो शहर के यातायात में काफी सुधार हो सकता है।
सड़कें बना रहीं स्पांडलाइटिस का रोगी :
शहर की सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं। इसकी वजह से बाइक से चलने वाले लोगों को बार-बार ब्रेक का सहारा लेने पड़ता है। इसकी वजह से शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है। यही कारण है कि कम उम्र के लोगों को या तो गर्दन में दर्द की शिकायत है या फिर कमर दर्द से पीड़ित हैं। जिला चिकित्सालय के फिजियोथिरैपिस्ट डा. बीके चौधरी ने बताया कि सर्वाइकल और स्पेंडलाइटिस से पीड़ितों में युवाओं की तादाद अधिक है। मरीजों की काउंसलिंग करने के बाद पता चलता है कि बाइक राइडिंग की वजह से यह बीमारियां हो रही हैं। इसके लिए शहर की सड़के भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। ईओ नगरपालिका अवधेश कुमार भारती ने कहा कि सभी वार्डों के सभासद से प्रस्ताव मांगा गया है। उसी प्रस्ताव के अनुरूप ही कार्य कराया जाएगा। जो सड़कें पहले टूट गई हैं उनको प्राथमिकता के आधार पर बनवाया जा रहा है और जो सड़कें कम टूटी हैं उनका निर्माण बाद में होगा।
नगर पालिका अध्यक्ष जगत जायसवाल ने कहा कि शहर की सभी सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है। सभी सड़कें पूरी तरह से व्यवस्थित नजर आएंगी। इसके लिए काम शुरू हो गया है। शहर में तेजी के साथ सड़कों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
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