अयोध्या में 3 जून से दूसरी प्राण प्रतिष्ठा; रामलला के बाद अब राम मंदिर में किनके स्वागत की तैयारी?
पिछली बार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था। तीन जून से एक बार फिर भव्य उत्सव मनाया जाएगा। निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति के सत्यापन के साथ समीक्षा बैठक यहां गुरुवार से शुरू होगी।

राम मंदिर में दूसरी प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं। अयोध्या में तीन जून से एक बार फिर भव्य उत्सव मनाया जाएगा। पिछली बार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम लला (बाल राम) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था। अन्य नव निर्मित मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक समारोह उसी दिन किया जाएगा। इस बार राम दरबार सहित अन्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारियों को भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र अंतिम रूप प्रदान करेंगे। इस मौके पर सम्बन्धित निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति के सत्यापन के साथ समीक्षा बैठक यहां गुरुवार से शुरू होगी। इस बैठक के लिए समिति चेयरमैन मिश्र भी यहां गुरुवार को मध्याह्न अयोध्या पहुंचेंगे।
तीन दिवसीय इस बैठक के पहले सत्र में निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण होगा। इसके बाद पहले और दूसरे तल सहित परकोटा के छह मंदिरों के निर्माण के प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही राम मंदिर के लोअर प्लिंथ में निर्माणाधीन म्यूरल पेंटिंग व स्टोन पैनल के अलावा सप्त मंडपम के मंदिरों के निर्माण की समीक्षा होगी। इसके अतिरिक्त राम मंदिर की लाइटिंग व मंदिर पर लाइटनिंग अरेस्ट की भी समीक्षा की जाएगी। विशेष बात यह भी राम मंदिर में आवागमन की सीढ़ियों पर लगाई गई रेलिंग के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त पत्थरों के रिप्लेसमेंट की भी समीक्षा होगी। वहीं सप्त मंडपम से परकोटा को जोड़ने वाले कॉरिडोर के साथ राम मंदिर के पश्चिम में परकोटा से जोड़ने के लिए निर्माणाधीन सेतु एवं दर्शनार्थियों के जूता-चप्पल रखने के लिए स्टैंड के निर्माण की स्थिति से भी समिति चेयरमैन रूबरू होंगे।
स्वामी अवधेशानंद और बाबा रामदेव सहित अन्य को दिया आमंत्रण
राम मंदिर में होने वाली दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारियों के बीच देश भर के संतों को भी आमंत्रण दिया जा रहा है। उत्तराखंड के प्रतिष्ठित संतों को आमंत्रण देने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय व न्यासी डा अनिल मिश्र के अलावा विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज सहित अन्य पदाधिकारी हरिद्वार पहुंचे हैं। यहां उन्होंने महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अलावा योगगुरु बाबा रामदेव सहित अन्य महत्वपूर्ण संतों को निमंत्रण दिया है। यद्यपि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा मिश्र के समधी के निधन के कारण वह वापस आ गये है जबकि शेष पदाधिकारी संतों से भेंट करने के लिए रुके हैं।
पांच जून के बाद एक हफ्ते में खोल दिए जाएंगे मंदिर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि ऐतिहासिक राम मंदिर का निर्माण 5 जून तक पूरा हो जाएगा और ‘राम दरबार’ की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 3 जून से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा जो पांच जून तक चलेगा। पांच जून के बाद एक हफ्ते के अंदर सभी मंदिर दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार अतिथि सूची अलग होगी।
इस बार अतिथियों की सूची में केंद्र और राज्य के वीआईपी शामिल नहीं होंगे। पिछली बार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम लला (बाल राम) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था। मिश्रा ने कहा, अन्य नव निमिर्त मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक समारोह उसी दिन किया जाएगा। केवल भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्रों का निर्माण मंदिर के निचले हिस्से में होता रहेगा। जब पूछा गया कि क्या 5 जून का प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले साल की तरह भव्य होगा, मिश्रा ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट इसकी अंतिम रूपरेखा पर निर्णय ले रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं। क्योंकि इसमें भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। लेकिन शायद अतिथि सूची अलग होगी। शायद पूजा करने वाले पुजारी अलग होंगे। इस बार फिर से विभिन्न विश्वासों के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित करेंगे।
नौ सौ करोड़ की लागत से बनेगा भरत पथ
जहां भगवान श्रीराम के जन्म और उनकी लीलाओं की गाथाएं हर कण में बसी हैं, वहां अब एक और भव्य मार्ग का उपहार मिलने जा रहा है। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ के बाद अब अयोध्या में भरत पथ का निर्माण प्रस्तावित है। यह नया मार्ग भगवान राम के छोटे भाई और तपस्वी भरत की तपोस्थली भरतकुंड को जोड़ेगा, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन में और अधिक सुविधा मिलेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 900 करोड़ रुपये है और इसका प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने मुख्यालय को भेज दिया है।
यह मार्ग न केवल धार्मिक महत्व को बढ़ाएगा, बल्कि अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और सशक्त करेगा। अयोध्या को वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। राम मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। देश-विदेश से लाखों लोग रोजाना रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस बढ़ती भीड़ को सुगम और सुरक्षित यातायात सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार कई मार्गों का निर्माण और चौड़ीकरण कर रही है। राम पथ, जन्मभूमि पथ, और अब भरत पथ के अलावा पंचकोसी और चौदहकोसी परिक्रमा मार्गों के भी चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है।