आईएसआई एजेंट इकबाल काना है कैराना थाने का हिस्ट्रीशीटर
Shamli News - पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही को हरियाणा पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने उसकी सात दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद चार दिन की और रिमांड मांगी है। नोमान की डायरी की तलाश जारी है, जिसमें वह...

पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही को सात दिन की रिमांड अवधि पूरी होने पर हरियाणा पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद सघन पूछताछ के लिए चार दिन के और पीसीआर पर लिया गया है। अब पुलिस उस डायरी की तलाश कर रही है, जिसमें पाकिस्तान से मिलने वाले टास्क को नोमान नोट करता था। नोमान इलाही पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। पाकिस्तान में बैठा आईएसआई एजेंट इकबाल काना उसे टास्क देता था हरियाणा पुलिस द्वारा नोमान इलाही की सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया हुआ था। हरियाणा पुलिस की सीआईए टीम आरोपी से पूछताछ करने में जुटी हुई थी।
इस दौरान कई अहम साक्ष्य और जानकारियां टीम को मिली। मंगलवार को रिमांड अवधि पूर्ण होने के पश्चात हरियाणा पुलिस ने आरोपी नोमान को कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही पुलिस द्वारा सघन पूछताछ के लिए अतिरिक्त पीसीआर का आवेदन किया। कोर्ट ने चार दिन के और पीसीआर की मंजूरी दे दी। अब पुलिस नोमान से सघन पूछताछ करेगी और पता लगाएगी कि उसकी डायरी कहां हैं। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान से मिलने वाले टास्क को नोमान इलाही डायरी में ही नोट करता था और फिर उस पर अमल करता था। इस डायरी की तलाश जारी है। डायरी से बड़े राज खुलने की संभावना है। नोमान के संपर्क में आए 50 लोग रडार पर हरियाणा पुलिस की सीआईए द्वारा रिमांड पर लिए गए नोमान इलाही ने कई राज उगले हैं। सूत्र बताते हैं कि नोमान ने पूछताछ में करीब 50 लोगों के नाम भी बताए हैं, जो उसके संपर्क में थे। ये सभी लोग हरियाणा पुलिस के रडार पर आ गए हैं। इन लोगों में पानीपत के साथ-साथ कैराना क्षेत्र के रहने वाले हो सकते हैं। ऐसे में इन लोगों से भी पूछताछ संभव है। पूछताछ के बाद ही यह पता चल पाएगा कि वे नोमान के अलावा कहीं पाकिस्तान में आईएसआई एजेंट इकबाल काना के संपर्क में तो नहीं। यही नहीं, यह भी पता चलेगा कि क्या उन लोगों को प्रलोभन देकर उन्हें भी प्रेरित तो नहीं किया गया। यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। इकबाल काना है कैराना थाने का हिस्ट्रीशीटर - पेशेवर अपराधी के रूप में कोतवाली में बी श्रेणी में एक नंबर पर दर्ज है नाम - आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता पर पाकिस्तान भाग गया था इकबाल काना कैराना, संवाददाता। आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पाकिस्तान भागकर आईएसआई एजेंट के रूप में काम करने वाला इकबाल काना कैराना कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर है। पेशेवर अपराधी के रूप में बी श्रेणी में पहले नंबर पर काना का नाम दर्ज है। 90 के दशक में शुरू हुए गठरी व्यवसाय में इकबाल काना ने अपना गोरखधंधा चलाया। सोने की तस्करी से लेकर पिस्टलों की तस्करी से जुड़कर काना आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। इकबाल काना पर दिल्ली व पाकिस्तान के अटारी बार्डर पर कई मुकदमें दर्ज हुए थे। 1995 में गिरफ्तारी के डर से इकबाल काना पाकिस्तान भाग गया था। हालांकि, उस समय दिल्ली व पंजाब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए थे। काना के विरूद्ध कैराना कोतवाली में कोई मुकदमा दर्ज नहीं बताया गया, लेकिन पाकिस्तान से सोना और हथियारों की तस्करी के मामलों को देखते हुए कैराना कोतवाली में उसकी हिस्ट्रीशीटर खोली गई थी। बताते हैं कि ए श्रेणी की हिस्ट्रीशीट साधारण अपराधियों की खोली जाती है, जबकि बी श्रेणी की हिस्ट्रीशीट पेशेवर बड़े अपराधियों की खुलती है। इकबाल काना की हिस्ट्रीशीट बी श्रेणी की है, जिसमें पहले नंबर पर उसका नाम दर्ज है। बताया जाता है कि इकबाल काना पाकिस्तान जाकर आईएसआई एजेंट के रूप में कार्य कर रहा था। हाल ही में पानीपत में नोमान इलाही की गिरफ्तारी के बाद काना का नाम फिर चर्चाओं में आया। काना ही नोमान इलाही से भारत के सैन्य ठिकानों के साथ-साथ अन्य संवेदनशील जानकारियां मंगाता था। इससे पहले भी दरभंगा ब्लास्ट सहित कई मामलों में इकबाल काना का नाम सामने आया था।
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