श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
Siddhart-nagar News - फोटो- डुमरियागंज क्षेत्र के बेनी नगर में श्रीमद्भागवत कथा सुनाते पंडित राकेश शास्त्रीफोटो - डुमरियागंज क्षेत्र के बेनी नगर में श्रीमद्भागवत कथा सुनाते

डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के बेनी नगर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान कार्यक्रम के अंतिम दिन बुधवार की रात कथावाचक पंडित राकेश शास्त्री ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। इसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए और भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाने लगे। कथावाचक ने श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन मे मित्रता में बड़ा छोटा का भाव एवं ऊंच नीच का भाव नहीं होना चाहिए, मित्रता का भाव एक समान होता है। उन्होंने बताया कि द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा के साथ जिस तरह से मित्रता का व्यवहार निभाया, वह हमेशा प्रासंगिक रहेगा। शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत संपूर्ण सिद्धांतों का निष्कर्ष है।
भागवत कथा को सुनने से जन्म-मृत्यु के भय का नाश होता है। यह ग्रंथ भक्ति के प्रवाह को बढ़ाता है। यही नहीं भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने का यह प्रधान साधन है। मन की शुद्धि के लिए श्रीमद्भागवत से बढ़कर कोई साधन नहीं है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य तथा से त्याग की प्राप्ति होती। भगवान कृष्ण की लोक मानस को गो पालन की प्रेरणा के संदेश के परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि गोदुग्ध, दही, मक्खन शरीर बुद्धि को पुष्ट करते हैं, जिसके बल पर ही भगवान श्रीकृष्ण शत्रुओं का संहार करने में सफल रहे। इस दौरान सांसद जगदंबिका पाल, सीताराम मिश्र, अनिल मिश्र, सच्चिदानंद पांडेय, अभिषेक आदि मौजूद रहे।
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