घूसखोरी के मामले में आईएएस अभिषेक प्रकाश के खिलाफ जांच के लिए एसआईटी बनी, यह मिला टास्क
लखनऊ में सौर उर्जा प्लांट लगाने के लिए आवेदन करने वाले कारोबारी की फाइल फंसाने और बिचौलिया निकांत जैन के जरिए घूस मांगने के मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई है। एसआईटी को कुछ खास बिंदुओं पर जांच के लिए कहा गया है।

गोमतीनगर थाने में अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने एसआईटी बना दी है। इस एसआईटी में बाराबंकी के एएसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी, एसीपी गोमतीनगर विनय द्विवेदी और इंस्पेक्टर आलोक राय को रखा गया है। यह एसआईटी निकांत जैन की रिश्वत प्रकरण में भूमिका की जांच करने के साथ ही यह भी देखेगी कि इस पूरे प्रकरण में और कितने लोग शामिल रहे। एसआईटी को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अब तक जुटाये साक्ष्यों के आधार पर पड़ताल करे। वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी जुटाने को कहा गया है। एसआईटी निकांत जैन के मोबाइल की कॉल डिटेल के साथ ही सोलर संयत्र लगाने वाली कंपनी के विश्वजीत दत्ता से भी पूछताछ करेगी।
इस प्रकरण में 20 मार्च को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें विश्वजीत दत्ता के आरोपों पर निकांत जैन को ही आरोपी बनाया गया था। इसमें बाद में निकांत के खिलाफ विश्वजीत को धमकाने की धारा बढ़ाई गई थी। कोर्ट ने इस प्रकरण में पुलिस को निर्देश दिया था कि एफआईआर में यह बात स्पष्ट नहीं है कि विश्वदीप ने इन्वेस्ट यूपी के किस अधिकारी का नाम बताया है। लिहाजा, एसआईटी यह भी पता करेगी कि वह कौन अफसर है, जिसके कहने पर उनसे रिश्वत मांगी गई। निकांत जैन के परिवारीजनों के बयान भी एसआईटी लेगी।
गौरतलब है कि इन्वेस्ट यूपी के सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रहे अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि बिचौलिए निकांत जैन के जरिए सौर उर्जा का प्लांट लगाने के लिए आवेदन करने वाले उद्यमी से पांच प्रतिशत कमीशन मांगा था। उद्यमी ने मामले की शिकायत सीएम योगी तक पहुंचाई थी। इसके बाद मामला एसटीएफ के हवाले कर दिया गया था। एसटीएफ ने शिकायत को सही पाया और उद्यमी से कमीशन मांगने वाले निकांत जैन के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी के बाद अभिषेक प्रकाश को भी निलंबित कर दिया गया। अभिषेक प्रकाश को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है और एसीईओ प्रथमेश कुमार को सीईओ का प्रभार दे दिया गया है। इस एक्शन के बाद अभिषेक प्रकाश के लगे डिफेंस जमीन घोटाले समेत अन्य मामलों में भी जांच शुरू हो गई है।