रील बनाने के लिए दो किशोरों ने पटरियों पर रखे थे बोल्ट-पत्थर, गुजर गई दून एक्सप्रेस
- शुरुआत में इस घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका भी जताई जा रही थी लेकिन अब पता चला है कि दो किशारों ने रील बनाने के चक्कर में ट्रेन के सैकड़ों यात्रियों की जान जोखिम में डाल दी थी। उन्होंने ही पटरियों पर लोहे का बोल्ट और पत्थर रख दिया था।

यूपी के हरदोई से कल सुबह आई इस खबर ने लोगों को हैरान कर दिया था। वहां पटरियों पर बोल्ट और पत्थर रखे मिले थे। जिनके ऊपर से दून एक्सप्रेस गुजर गई। इस दौरान हुई आवाज से चौकन्ने हुए ट्रेन ड्राइवर कुछ दूर आगे जाकर ट्रेन रोक दी थी। सूचना पर आरपीएफ और यूपी पुलिस भी मौके पर पहुंची। शुरुआत में इस घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका भी जताई जा रही थी लेकिन अब पता चला है कि दो किशारों ने रील बनाने के चक्कर में ट्रेन के सैकड़ों यात्रियों की जान जोखिम में डाल दी थी। उन्होंने ही शनिवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे लखनऊ-बरेली रेलवे लाइन पर पिहानी रोड ओवरब्रिज के नीचे पटरियों पर लोहे का बोल्ट और पत्थर रख दिया था।
इनके ऊपर से दून एक्सप्रेस जब गुजर गई तो दोनों किशोर चपटा हुए बोल्ट की फोटो खींचकर रील बनाने लगे थी। इस बीच ट्रेन ड्राइवर ने कुछ आगे जाकर ट्रेन रोक दी। गार्ड ने मौके से दोनों किशोरों को पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया था। पुलिस ने किसी साजिश की आशंका को देखते हुए पूरे मामले की गहराई से जांच पड़ताल की। पकड़े गए किशोरों और आसपास के लोगों से गहन पूछताछ भी की गई।
आरपीएफ और कोतवाली देहात पुलिस अब भी मामले की जांच कर रही है। यहां तक कि फील्ड यूनिट टीम ने भी मौके पर जाकर फिंगर प्रिंट जुटाए हैं। ट्रैक और पहिये में हल्के स्क्रेच मिले हैं। इस बीच दून एक्सप्रेस करीब आधा घंटे तक खड़ी रही थी। सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने बताया कि दोनों किशोरों से पूछताछ की जा रही है। ट्रेन पलटाने की साजिश जैसा मामला नहीं पाया गया है।
वहीं, आरपीएफ इंस्पेक्टर आरबी सिंह ने भी किसी साजिश से इनकार करते हुए इसे किशोरों की शरारत बताई है। कोतवाली प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि एक किशोर सांडी थाने के गांव सहोरा और दूसरा बिलग्राम कोतवाली के कन्हारी गांव का रहने वाला है। रील बनाने के लिए ट्रैक पर बोल्ट और पत्थर का छोटा टुकड़ा रख दिया था।