कितना बनकर तैयार है राम मंदिर? प्रथम तल पर गर्भगृह का निर्माण पूरा, पढ़ें डिटेल
अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के मूर्ति की प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो चुकी है। यहां गर्भगृह से लेकर सभी मंडपों की फर्श तक का सभी काम पूरा हो गया है। अब मूर्ति को लाकर बैठाने की देरी है।

अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के मूर्ति की प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो चुकी है। यहां गर्भगृह से लेकर सभी मंडपों की फर्श तक का सभी काम पूरा हो गया है। अब मूर्ति को लाकर बैठाने की देरी है। मिली जानकारी के अनुसार जयपुर से राम दरबार की मूर्ति यहां 23 मई को लायी जाएगी जबकि मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा और पांच जून को राम दरबार सहित सभी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। फिलहाल दूसरे प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
मंदिर निर्माण एजेंसी एल एण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता का कहना है कि सप्त मंडपम व परकोटा के सभी छह मंदिरों का निर्माण भी पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि छोटे-मोटे काम तो अंतिम दिन तक चलते रहते हैं। उसी तरह से फिनिशिंग के लिहाज से छोटी-छोटी चीजें हैं, जिन्हें पूरा किया जा रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर गर्भगृह से लेकर अवशेष सभी कामों को अंतिम रूप दे दिया गया है। वहीं पांचों मंडपों का काम भी हो चुका है। द्वितीय तल के अलावा शिखर पर थोड़ा काम बाकी है जो कि चल रहा है और यथाशीघ्र उसको भी पूरा कर लिया जाएगा।
इसी तरह से सप्त मंडपम में यथास्थान पर सभी मूर्तियों को बैठा दिया गया है जबकि परकोटा में पांच मंदिरों में मूर्तियों को बैठा दिया गया है। बताया गया कि भगवान शिव के मंदिर में भगवान नर्वदेश्वर की स्थापना का काम अभी बाकी है। परियोजना निदेशक मेहता ने बताया कि भगवान नर्वदेश्वर का शिवलिंग अयोध्या लाया जा चुका है।
शेषावतार मंदिर का निर्माण तेजी से जारी
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि परिसर में अकेले शेषावतार मंदिर का ही निर्माण सबसे पीछे चल रहा है। एल एण्डटी के परियोजना निदेशक मेहता का कहना है कि इस मंदिर के फाउंडेशन को तैयार करने में काफी समय लगा। बताया गया कि सतह से राम मंदिर की ऊंचाई के मुताबिक शेषावतार मंदिर का भी निर्माण हो रहा है।
इस मंदिर की ऊंचाई राम मंदिर के अपर प्लिंथ के बराबर होनी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी समय लगेगा। बताया गया कि राम मंदिर के शिखर समेत परकोटे के छह मंदिरों के शिखर के साथ ध्वज दंड लगा दिए गये है लेकिन ध्वज फहराने के लिए अलग मुहूर्त तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिखर पर ध्वज बदलने की परम्परा अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल ध्वज कपड़े का ही लगाने पर सहमति है।