पेयजल संकट, एसडीएम कार्यालय में आ धमके ग्रामीण
बासोट के चालीस गांवों में डेढ़ माह से पेयजल संकट बासोट के चालीस गांवों में डेढ़ माह से पेयजल संकट बासोट के चालीस गांवों में डेढ़ माह से पेयजल संकट

भिकियासैंण, संवाददाता। बासोट क्षेत्र के चालीस से अधिक गांव डेढ़ माह से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लंबे समय से पेयजल आपूर्ति बाधित होने से ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा। ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर पेयजल आपूर्ति सुचारू करने की मांग की। गरुवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि रामगंगा-भवानीदेवी पंपिग पेयजल योजना डेढ़ माह से चरमराई हुई है। इस कारण बासोट क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण लोगों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। योजना का पुनर्गठन कार्य काफी धीमी गति से किया जा रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों को कार्यालय बुलाया और ग्रामीणों के सामने वार्ता की। साथ ही पेयजल आपूर्ति जल्द सुचारू करने के निर्देश दिए। जल संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि कोटाखाई से भौनादेवी तक की पहले वाली लाइन में लीकेज होने से मुख्य टैंक तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लाइन गहरी बिछी होने से लीकेज का पता नहीं चल रहा है। कहा कि निगम संस्थान के पुराने पंपों से मुख्य टैंक तक पानी लिफ्ट कर सकता है। अधिकारियों ने जल्द आपूर्ति सुचारू करने का आश्वासन दिया। अधिकारियों के आश्वासन के बाद जाकर ग्रामीण माने। ये रहे मौजूद यहां एई जल निगम जितेन्द्र सुयाल, जेई परवेज, अवर अभियंता जल संस्थान गौरव पंत, ग्रामीणों की ओर से पूर्व बीजेपी मंडल अध्यक्ष त्रिलोक सिंह भंडारी, संदीप खुल्बे, नंदन रावत, राजेंद्र रौतेला, रोहित सिंह, ललित सिंह जमनाल, नरेंद्र सिंह, प्रेम कुमार, विजय कुमार, ईश्वर सिंह, हरीश सिंह आदि मौजूद रहे।
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