पारंपरकि कृषि,आधुनिक दृष्टिकोण से जुड़ रहे किसान
जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बागेश्वर में पारंपरिक कृषि को नया रूप देने के लिए काली और लाल धान की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। यह पहल किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से प्रशिक्षित करने, उच्च...

जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने जिले में पारंपरिक कृषि को नई ऊर्जा और आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ने का काम किया है। उन्होंने काली और लाल धान की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। ऐसी धान की किस्में जो पोषण से भरपूर हैं और बागेश्वर की जलवायु के लिए उपयुक्त भी है। राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं प्रौद्योगिकी मिशन के अंतर्गत शुरू की गई यह पहल केवल नई फसलें उगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बागेश्वर के किसानों की आर्थिक दशा को एक नई दिशा देना है। गहरे रंग, खास स्वाद और स्वास्थ्यवर्धक गुणों वाली काली और लाल धान की मांग आज देश-विदेश के स्वास्थ्य जागरूक उपभोक्ताओं के बीच तेज़ी से बढ़ रही है।
एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर यह धान अब वैश्विक बाजार में ‘सुपरफूड का दर्जा पा चुकी है। बागेश्वर इसके एक प्रमुख उत्पादक के रूप में उभर रहा है। प्रशासन द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले बीज निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं और किसानों को आधुनिक व जैविक खेती के तरीकों में प्रशिक्षित करने के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इस पहल की खास बात यह है कि यह सिर्फ बुवाई और कटाई तक सीमित नहीं है, बल्कि किसान को बाज़ार तक पहुँचाने और वहां उचित मूल्य दिलाने की भी पूरी योजना इसके अंतर्गत शामिल है।
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