लॉकर तोड़ निकाली ज्वेलरी, BOB को उत्तराखंड हाईकोर्ट की फटकार; पूछा- नियम बताएं अधिकारी
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक बैंक ऑफ बड़ौदा को फटकार लगाई। कोर्ट ने उससे उन नियमों को स्पष्ट करने को कहा, जिसके तहत उसके अधिकारी ग्राहक की सहमति के बिना उसका लॉकर तोड़ सकते हैं।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को फटकार लगाई। कोर्ट ने उससे उन नियमों को स्पष्ट करने को कहा, जिसके तहत उसके अधिकारी ग्राहक की सहमति के बिना उसका लॉकर तोड़ सकते हैं। अदालत 86 साल की महिला सुशीला देवी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 2022 में उनकी अनुपस्थिति में उनका लॉकर खोला गया और आभूषण निकाले गए।
याचिका में कहा गया है कि उनके बेटे और लॉकर के को-होल्डर अनूप कुमार ने पिछले साल बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की देहरादून शाखा में जाकर इस उल्लंघन का पता लगाया। बैंक अधिकारी कथित तौर पर उन्हें संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में विफल रहे, जिसके बाद उन्होंने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। कुमार ने कहा, "मेरी मां ने लॉकर में 730 ग्राम सोना और 950 ग्राम चांदी के आभूषण रखे थे।" अदालत ने बैंक से पूछा कि वह शिकायतकर्ता को कीमती सामान कैसे लौटाएगा।
बीओबी के एक कर्मचारी ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। हालांकि शिकायत में उसका नाम नहीं है, लेकिन वह संबंधित समय पर शाखा में काम करता था। उसके वकील ने कहा कि कई नोटिस और रिमाइंडर का जवाब न मिलने के बाद लॉकर खोला गया और कीमती सामानों की एक सूची तैयार की गई और हेड ऑफिस में सामान को सील कर दिया गया। हालांकि, लॉकर के को-होल्डर कुमार ने कहा कि उन्हें बैंक से ऐसा कोई नोटिस कभी नहीं मिला।
अनूप ने टीओआई को बताया, "जब मैंने बैंक अधिकारियों से मुझे नोटिस और पत्र दिखाने के लिए कहा, तो उन्होंने कहा कि दस्तावेज और रजिस्टर भी खो गए हैं।" उन्होंने कहा कि आभूषणों में 21 आभूषण "हाई सेंटीमेंटल वैल्यू" के थे, जिनमें से कुछ 1875 के थे। उन्होंने कहा, "लॉकर में रामनवमी के आभूषण, सोने के बटन और एक सोने की मुहर जैसी विरासत थी, जो पीढ़ियों से चली आ रही थी।"
जनवरी में डालनवाला पुलिस स्टेशन में संबंधित बैंक अधिकारियों पर डकैती का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत की सुनवाई के दौरान, जस्टिस पंकज पुरोहित ने बीओबी कर्मचारी के वकील से कहा कि वे बैंक कर्मचारियों को खाताधारक द्वारा जवाब न दिए जाने पर जबरन लॉकर खोलने का अधिकार देने वाले नियम पेश करें।
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