Residents of Dev Vihar and Saraswati Vihar Demand Basic Amenities Amid Rising Crime and Poor Infrastructure बोले रुद्रपुर: स्ट्रीट लाइटें खराब, सड़कें बदहाल, जलभराव भी कर रहा परेशान, Kashipur Hindi News - Hindustan
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बोले रुद्रपुर: स्ट्रीट लाइटें खराब, सड़कें बदहाल, जलभराव भी कर रहा परेशान

देव विहार और सरस्वती विहार में लोग नगर निगम से मूलभूत सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। खराब सड़कों, जलभराव, लावारिस पशुओं और बढ़ते अपराधों ने जीवन को कठिन बना दिया है। स्थानीय निवासियों ने सड़क मरम्मत,...

Newswrap हिन्दुस्तान, काशीपुरMon, 12 May 2025 07:36 PM
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बोले रुद्रपुर: स्ट्रीट लाइटें खराब, सड़कें बदहाल, जलभराव भी कर रहा परेशान

देव विहार और सरस्वती विहार में नगर निगम की कूड़ा गाड़ी एक दिन छोड़कर आती है। लोगों ने कहा कि इसके अलावा निगम से उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती है। कई स्ट्रीट लाइटें 3-4 महीनों से खराब पड़ी हैं, लेकिन शिकायत के बाद भी इनकी मरम्मत नहीं की जा रही है। मुख्य सड़क बेहद जर्जर हो गई है, जिस पर चलना दूभर है। कॉलोनियों की भीतरी सड़कों पर भी डामरीकरण नहीं हुआ है। जलभराव की समस्या यहां आम है। हल्की बारिश में भी सड़कों पर पानी भरने और कीचड़ जमा होने से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं।

रात के अंधेरे में लोग यहां पिकअप आदि से लावारिस पशुओं को छोड़ जाते हैं, जो लोगों की क्यारियों में लगी साग-सब्जी, फलों आदि को चट कर जाते हैं। स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं होने से मुख्य सड़क में अक्सर लोगों के साथ लूटपाट की घटनाएं होती हैं। देव विहार और सरस्वती विहार में लोग वर्ष-2016-17 से बसने लगे थे। वर्ष-2018 में दोनों कॉलोनियां नगर निगम का हिस्सा बन गई थीं। दोनों कॉलोनियां नगर निगम रुद्रपुर के साथ किच्छा विधानसभा का भी हिस्सा हैं, लेकिन आज भी यहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। लोगों का कहना है कि कि कॉलोनियों में जल संस्थान की कोई भी पेयजल योजना नहीं है, जिसकी वजह से लगभग सभी लोगों ने अपने खर्च से सबमर्सिबल लगवा रखे हैं। इसके अलावा गंदे पानी की निकासी नहीं होने से कॉलोनियों में अक्सर जगह-जगह जलभराव से लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। लोगों के घरों में सीलन तक आने लगी है। साथ ही, गंदा पानी एकत्र होने से मच्छरों के पनपने और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यहां सड़कों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। मुख्य सड़क तक में जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कॉलोनियों की सड़कें भी अब तक कच्ची हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी होने से दुर्घटनाओं व लूटपाट की घटनाओं में लगातार इजाफा होने से लोग बेहद चिंतित हैं। असामाजिक तत्वों के भय से महिलाएं और बच्चे शाम ढलने के बाद मुख्य सड़क की ओर नहीं जाते हैं। लोगों ने कहा कि झपट्टामार गिरोह को मौका मिलते ही वे लोगों के हाथों से मोबाइल व अन्य सामान छीनकर रफूचक्कर हो जाते हैं। लावारिस पशुओं के आतंक से भी लोग काफी परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि बाहर से लाकर उनके क्षेत्र में लावारिस गोवंशीय पशुओं को छोड़ा जाता है। विधानसभा क्षेत्र किच्छा और नगर निगम रुद्रपुर दोनों का हिस्सा होने के बाद भी विकास नहीं होने से अब कॉलोनिवासियों की उम्मीदें टूटती नजर आती हैं। खराब सड़कों पर ई-रिक्शा वाले तक चलने को राजी नहीं : देव विहार और सरस्वती विहार में सड़कों की हालत बहुत खराब है। फुलसुंगी चौराहे से बिगवाड़ा को जाने वाली करीब 3 किलोमीटर सड़क बेहद जर्जर हो चुकी है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे होने से लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कत होती है। लोगों का कहना है कि सड़क इतनी ज्यादा खराब है कि ई-रिक्शा वाले तक इस सड़क पर चलने को तैयार नहीं होते हैं। पूर्व में कई ई-रिक्शा पलट भी चुके हैं, जिससे उसमें बैठी सवारियों को चोट लग चुकी है। ऐसे में जिन लोगों के पास अपने वाहन नहीं होते हैं, उन्हें अपने घर से फुलसुंगी चौराहे तक पैदल आना-जाना पड़ता है। कहा कि सड़क खराब होने से आए दिन होने वाली दुर्घटनाएं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दुर्घटनाओं में लोग चोटिल हो रहे हैं। लोगों को मांग है कि इस सड़क की जल्द मरम्मत की जानी चाहिए, जिससे लोगों को असुविधा न हो। इसके अलावा दोनों कॉलोनियों में लगभग सभी सड़कें कच्ची हैं। डामरीकरण नहीं होने से सड़कों पर कंकड़-पत्थर बिखरे रहते हैं, जिसमें अक्सर दोपहिया सवार रपटते हैं। इससे पैदल चलने वालों को भी दिक्कत होती है। लोग कॉलोनी की भीतरी सड़कों का भी डामरीकरण चाहते हैं। गंदे पानी की निकासी नहीं होने से मकानों में आ जाती है सीलन : देव विहार व सरस्वती विहार में जलभराव की समस्या आम है। लोगों ने कहा कि कॉलोनियां तो बसा दी गईं, लेकिन नालियों का निर्माण नहीं किया गया। इससे गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। कहा कि वर्तमान में यहां कई प्लॉट खाली पड़े हैं, इसलिए लोगों के घरों का गंदा पानी वहां डाल दिया जाता है, लेकिन जैसे-जैसे खाली प्लॉटों में मकान बनने लगेंगे, यह समस्या और विकराल हो जाएगी। कहा कि हल्की बारिश में ही जगह-जगह जलभराव हो जाता है, जिससे आवागमन में परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि बरसात में खाली प्लॉटों में पानी जमा हो जाता है, जिससे कॉलोनियों के ज्यादातर मकानों में सीलन आम समस्या हो गई है। कहा कि खाली प्लॉटों में जमा पानी तीन-चार महीने तक नहीं सूख पाता है। सोनिया, जानकी आदि ने बताया कि गंदे पानी की वजह से मच्छर आदि पनपते हैं और इनसे बीमारियों की आशंका रहती है। कहा कि जलभराव से मुक्ति मिलनी चाहिए। स्ट्रीट लाइटों के खराब होने से आवाजाही में परेशानी : देव विहार व सरस्वती विहार में कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट खराब होने से लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि कई स्ट्रीट लाइटों को खराब हुए 3-4 महीने से भी ज्यादा समय हो गया है, लेकिन शिकायत के बाद भी इनकी मरम्मत नहीं की जाती है। इसकी वजह से दोनों कॉलोनियों की ज्यादातर गलियों में शाम के बाद अंधेरा रहता है। यहां के कई निवासी सिडकुल स्थित निजी कंपनियों में कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें शिफ्ट के हिसाब से ऑफिस आना-जाना पड़ता है। जिन लोगों को रात्रि में ड्यूटी करने या घर लौटना होता है, रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कत होती है। बताया कि दोनों कॉलोनियों में 8-10 लाइटें खराब पड़ी हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी हैं। बताया कि कॉलोनियों के बाहर की मुख्य सड़क पर भी लाइटें नहीं लगी हैं, जबकि सड़क काफी जर्जर स्थिति में है। मुख्य सड़क पर दुर्घटनाएं होने का एक कारण यह भी है। बाहर से लाकर कॉलोनियों के पास छोड़ जाते हैं लावारिस पशु : देव विहार व सरस्वती विहार में लावारिस पशुओं का आतंक है। लोगों ने बताया कि कॉलोनियों में लावारिस गोवंशीय पशुओं की संख्या बहुत ज्यादा है। लावारिश पशु आसपास के खेतों में लगी फसल खाकर बर्बाद कर देते हैं। साथ ही लोगों के घरों के बाहर लगी फूल-पत्तियों व साग-सब्जी को भी नुकसान पहुंचाते हैं। लोगों का आरोप है कि अन्य जगह से पशुओं को लाकर यहां छोड़ा जाता है, जिससे रोजाना इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। कहा कि अक्सर अंधेरा होने के बाद पिकअप आदि वाहन में लावरिस पशुओं को लाकर कॉलोनियों के बाहर छोड़ दिया जाता है। लावारिस पशु लोगों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। लावारिस पशुओं के डर से लोग अपने बच्चों को घर से अकेले नहीं भेजते हैं। लावारिस पशु आपस में लड़ाई आदि करते हैं, जिससे लोगों में भय बना रहता है। लावारिस पशुओं की वजह से मुख्य सड़क पर अक्सर यातायात बाधित होता है। इसके अलावा यह रात्रि में मुख्य सड़कों पर घूमते व बैठे रहते हैं, जिसकी वजह से दुर्घटनाएं होने की आशंका भी रहती है। लोगों की मांग है कि नगर निगम को लावारिस पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाकर इन्हें गोशालाओं में भेजना चाहिए। लोगों के साथ आए दिन होती है लूटपाट और छीनाझपटी : देव विहार व सरस्वती विहार के लोगों ने बताया कि क्षेत्र में लूटपाट व छीनाझपटी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। कहा कि मुख्य सड़क पर अक्सर असामाजिक तत्व बाइकों से घूमते रहते हैं और मौका मिलते ही लोगों के साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। लोगों के साथ आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। मुख्य सड़क पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से भी ऐसी घटनाएं ज्यादा होती हैं। कहा कि महिलाएं व देर रात ड्यूटी करके लौटने वाले कंपनियों के कर्मचारी इनका आसानी से शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से महिलाएं व बच्चे शाम होने के बाद मुख्य सड़क की ओर बहुत कम जाते हैं। कहा कि पुलिस की गश्त नहीं होने से असामाजिक तत्व बेखौफ हो गए हैं। लोगों की मांग है कि फुलसुंगी चौराहे के पास नियमित पुलिस गश्त की जानी चाहिए, जिससे लूटपाट व छीनाझपटी की घटनाओं पर रोक लग सके। शिकायतें 1-देव विहार और सरस्वती विहार की मुख्य सड़क काफी जर्जर है, जिसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं व लोग चोटिल तक हो रहे हैं। कॉलोनियों की भीतरी सड़कें भी कच्ची हैं। 2-गंदे पानी की निकासी नहीं होने से जगह-जगह जलभराव हो जाता है। खाली प्लॉटों में जमा पानी के जल्दी नहीं सूखने से लोगों के घरों में सीलन आ जाती है। 3-ज्यादातर स्ट्रीट लाइटों के खराब होने व मुख्य सड़क आदि में रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है। इससे दुर्घटनाएं भी होती हैं। 4-लावारिस पशुओं के आतंक से लोग काफी परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि बाहर से लाकर लावारिस पशुओं को कॉलोनियों के बाहर छोड़ा जाता है। 5-लोगों के साथ लूटपाट व छीनाझपटी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे लोग काफी चिंतित हैं। अक्सर महिलाएं व सिडकुल कर्मी इनका शिकार हो जाते हैं। सुझाव 1-देव विहार और सरस्वती विहार की मुख्य सड़क की मरम्मत की जानी चाहिए। साथ ही कॉलोनियों की भीतरी सड़कों का डामरीकरण किया जाना चाहिए। 2-देव विहार और सरस्वती विहार में गंदे पानी की निकासी के लिए समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे लोगों के मकानों में सीलन आदि की समस्या उत्पन्न न हो सके। 3 खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की जाए और जिन स्थानों पर अंधेरा रहता है, वहां नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी चाहिए, जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी। 4-लावारिस पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजा जाना चाहिए। साथ ही बाहर से लाकर लावारिस पशुओं को कॉलोनियों के बाहर छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। 5-लोगों के साथ लूटपाट व छीनाझपटी के मामले न हों, इसलिए पुलिस गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। इससे लोग खुद को सुरक्षित महसूस भी करेंगे। साझा किया दर्द जलभराव की मुख्य समस्या है। खाली प्लॉटों में महीनों तक पानी जमा होने से मकानों में सीलन आ जाती है। जलभराव की समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। -जनक सिंह यादव जलभराव ही समस्या है। लोग बहुत परेशान हो जाते हैं। जगह-जगह पानी भरने से आवाजाही बंद हो जाती है। घरों तक में गंदा पानी घुस जाता है। -सरस्वती हमारी कोई समस्या का समाधान हो पाए तो वह जलभराव है। बाकी सड़कें आदि की स्थिति भी खराब है, लेकिन लोग गंदे पानी की निकासी नहीं होने से बहुत परेशान हैं। -दीपा जोशी स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। कई जगहों पर लगाई ही नहीं गई हैं। सभी गलियों के बाहर तो स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। अंधेरे में जहरीले कीड़ों का भय रहता है। -अंजना गुप्ता मुख्य सड़क की स्थिति बेहद खराब है। ई-रिक्शा वाले तक इधर को आने से कतराते हैं। कई ई-रिक्शा पलट चुके हैं। सड़क की मरम्मत की जानी चाहिए। -शोभा जोशी नगर निगम की सिर्फ कूड़ा गाड़ी एक दिन छोड़कर आती है। इसके अलावा नगर निगम से हमें कोई सुविधा नहीं मिलती है। विधानसभा क्षेत्र किच्छा होने का भी कोई लाभ नहीं है। -गंगा पांडे गंदे पानी की निकासी होनी चाहिए। खराब स्ट्रीट लाइटें की मरम्मत व कई स्थानों पर नई स्ट्रीट लाइटें लगनी चाहिए। अंधेरे के कारण नौकरीपेशा लोगों को दिक्कत होती है। -ममता जोशी सड़कों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए। दोनों कॉलोनियों में पार्क आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। बुजुर्गों के टहलने और बैठने का कोई स्थान नहीं है। -कृष्णा मोनी पुलिस गश्त नहीं होने से झपटमारों के हौसले बुलंद रहते हैं। सुबह-शाम लोगों के साथ लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं। पुलिस को सख्त कदम उठाना चाहिए। -ममता शर्मा कॉलोनियों में सार्वजनिक स्थानों पर हैंडपंप लगाए जाने चाहिए। लावारिस पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजा जाना चाहिए। लावारिस पशु लोगों का काफी नुकसान कर रहे हैं। -रेखा पांडे लूटपाट की बढ़ती घटनाओं से लोग बेहद चिंतित हैं। शाम ढलने के बाद हम बच्चों को मुख्य सड़क की ओर नहीं जाने देते हैं। पुलिस को गश्त बढ़ानी चाहिए। -सीमा मुख्य सड़क की हालत बहुत खराब है। उसका निर्माण किया जाना चाहिए। सड़कों पर अंधेरा रहता है, इसलिए स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था की जानी चाहिए। -यमुना दत्त जोशी बोले नगर आयुक्त नगर निगम में स्ट्रीट लाइटों की शिकायतें प्राप्त होने पर उनकी मरम्मत के लिए तुरंत टीम को रवाना किया जाता है। देव विहार और सरस्वती विहार से इस संबंध में शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। वहां टीम भेजी जाएगी। - नरेश चंद्र दुर्गापाल, नगर आयुक्त, रुद्रपुर फुलसुंगी चौराहे के पास पुलिस की ओर से नियमित गश्त और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी। -मोहन चंद्र पांडे, थानाध्यक्ष, ट्रांजिट कैंप

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