पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, कनालीछीना सहित कई जगह बारिश
मुनस्यारी में भारी ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। नीबू और रबी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बारिश से कई क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और फसलें पूरी तरह...

जनपद मुख्यालय के साथ ही जनपद के कई हिस्सों में बारिश हुई है। मुनस्यारी के कई क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे किसान परेशान हैं। नीबू प्रजाति के साथ रबी की फसल पर पड़ी मौसम की मार से परेशान किसानों ने सरकार से मुआवजा मांगा है।
शनिवार को जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम घिरा रहा। बाद में कई जगह बारिश हुई। लगातार कई दिनों से यहां बारिश होने से लोग परेशान हैं। गंगोलीहाट ,मुनस्यारी ,कनालीछीना, गणाई में भी बारिश हुई है। मुनस्यारी में सकोट के तल्ला व मल्ला डोकुला, ननकाना में भारी ओलावृष्टि से खेत पूरी तरह से सफेद नजर आए। बीडीसी मेंबर मान सिंह बसेड़ा ने सरकार से नुकसान का आंकलन कर मुआवजा मांगा है। मलौन, कोटा पन्द्रहपाला, खडिक, ननकाना, लोद, समकोट, देरुखा, थलाधुरा, डूंगरी में भारी ओलावृष्टि हुई है।
फल, सब्जी, के साथ गेहूं सरसों की पूरी फसल चौपट
मुनस्यारी। यहां ओलावृष्टि के बाद फल, सब्जी के साथ गेहूं, सरसों की तैयार फसल बर्बाद हो गई है। पूरे खेत सफेद नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में भारी बारिश ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा है। मलौन के जय दानू ने कहा कि फसल कटाई से पहले इस तरह की ओलावृष्टि ने पूरी साल की मेहनत पर पानी फेरा है। किसान भगत सिंह मेहरा मुवानी दवानी ने कहा कि फसल तैयार थी, ओलावृष्टि से पूरी कमर तोड़ दी है। 7 नाली में गेहूं तैयार था, सब्जी भी लगाई थी सब चौपट हो गई। कोटा के त्रिलोक सिंह ने कहा कि मौसम ने कहीं का नहीं छोड़ा। पहले रबी की फसल की बुवाई के समय लंबे समय तक बारिश नहीं हुई, अब किसी तरह फसल तैयार हुई तो ओलावृष्टि ने उसे चौपट कर दिया है।
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