मुनस्यारी में बंद सड़कें बनी लोगों के लिए मुसीबत
इससे दो हजार से अधिक आबादी परेशान है। ग्रामीण कहीं सात किमी पैदल चलकर गांव तक पहुंच रहे हैं तो कहीं चार। आक्रोशित ग्रामीणों ने जल्द बंद सड़कों में आव
मुनस्यारी, संवाददाता। हिमनगरी में बारिश के बाद भूस्खलन से बंद हुई सड़कें ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन गई हैं। तीन दिन का समय बीतने के बाद भी प्रशासन बंद सड़कों को खोलने में नाकाम रहा है। इससे दो हजार से अधिक आबादी परेशान है। ग्रामीण कहीं सात किमी पैदल चलकर गांव तक पहुंच रहे हैं तो कहीं चार किलोमीटर। आक्रोशित ग्रामीणों ने बंद सड़कों पर जल्द आवाजाही सुचारू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मुनस्यारी-लीलम सड़क पर बीते गुरुवार को भूस्खलन से जिमिघाट के समीप पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिर गए। इससे मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। मार्ग बंद होने से साईं पोलू, पातों, बुई, कुरी जीमिया की डेढ़ हजार से अधिक आबादी परेशान है। पातों के ईश्वर सिंह का कहना है कि सड़क बंद होने से लोग सात-सात किमी पैदल चलने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने की सूचना प्रशासन को दी गई है, लेकिन अब तक मार्ग से मलबा न हटाए जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इधर, मदकोट-दारमा सड़क भी तुमरीगाड़ के समीप बंद होने से ग्रामीण खासे परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बंद होने से उनके लिए घर तक खाद्य सामाग्री पहुंचाना चुनौती बन गया है। लोग पीठ पर राशन ढोकर पैदल घर तक पहुंचा रहे हैं।
बंद सड़कों से टैक्सी चालक परेशान
मदकोट-दारमा और मुनस्यारी-लीलम सड़क बंद होने से टैक्सी चालक परेशान हैं। जब से मार्ग में आवाजाही ठप है, टैक्सी संचालन का काम भी चौपट हो गया है। मदकोट-दारमा सड़क पर चार वाहन फंसे हुए हैं। इधर, लीलम सड़क पर भी छह वाहन फंसने से टैक्सी चालकों के लिए अन्यत्र मार्ग पर भी वाहन चलाने का विकल्प शेष नहीं बचा है।
कोट
सड़क खोलने के लिए मशीनें भेजी गई हैं। जल्द ही सड़क खोल दी जाएंगी।
- किसन ऐरी, अधिशासी अभियंता, पीएमजीएसवाई
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