vat savitri vrat kab hai date time puja vidhi shubh muhurat impoartance significance Vat Savitri Vrat : मई में इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, पति की दीर्घायु व निरोगता के लिए महिलाएं करेंगी व्रत, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Vat Savitri Vrat : मई में इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, पति की दीर्घायु व निरोगता के लिए महिलाएं करेंगी व्रत

Vat Savitri Vrat : अखंड सौभाग्य का पर्व माने जाने वाला वट सावित्री व्रत इस बार मई में मनाया जाएगा। हर साल ज्येष्ठ मास के अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है। मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान से करतीं हैं।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 1 May 2025 09:14 PM
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Vat Savitri Vrat : मई में इस दिन रखा जाएगा वट सावित्री व्रत, पति की दीर्घायु व निरोगता के लिए महिलाएं करेंगी व्रत

Vat Savitri Vrat : अखंड सौभाग्य का पर्व माने जाने वाला वट सावित्री व्रत इस बार मई में मनाया जाएगा। हर साल ज्येष्ठ मास के अमावस्या को वट सावित्री व्रत किया जाता है। मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान से करतीं हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। महिलाएं वट सावित्री पूजा के दिन व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। वट सावित्री की पूजा से सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक सुहागन महिलाओं को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। सबसे पहले वट सावित्री का व्रत राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री ने अपने पति सत्यवान के लिए किया था। तभी से वट सावित्री व्रत महिलाएं अपने पति के मंगल कामना के लिए रखती हैं।

वट सावित्री व्रत की डेट- इस साल 26 मई को अमावस्या तिथि का आरंभ दोपहर में 12 बजकर 12 मिनट पर होगा और 27 तारीख को सुबह में 8 बजकर 32 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी। शास्त्रीय विधान के अनुसार अमावस्या तिथि दोपहर के समय होने पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इसलिए यह व्रत 26 मई को किया जाएगा।

पूजा-विधि : सबसे पहले पूजा के दिन टोकरी में रेत भरकर ब्रह्मा की मूर्ति स्थापित करें तथा वाम पार्श्व में सावित्री की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। दूसरी टोकरी में सत्यवान सावित्री की मूर्ति स्थापित करें। दोनों टोकरियों को वट वृक्ष के नीचे रखें। सबसे पहले ब्रह्मा-सावित्री की पूजा करें फिर सत्यवान और सावित्री की पूजा करें। इसके बाद वट वृक्ष को पानी दें। जल, फूल, मोली, रोली, कच्चा सूत, चना, गुड़ तथा धूप-दीप से पूजा करें। जल चढ़ाकर वृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर तीन बार परिक्रमा करें। वट के पत्तों की माला पहन कर कथा का श्रवण करें।

वट सावित्रि पूजा सामग्री की लिस्ट- सावित्री-सत्यवान की मूर्तियां, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप, दीप, घी, फल, पुष्प, रोली, सुहाग का सामान, पूडियां, बरगद का फल, जल से भरा कलश।

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